Tokyo Olympics: 'The great wall of India' ने ऐतिहासिक जीत के बाद कहा- 'ये पुनर्जन्म है'

Tokyo Olympics: The great wall of India ने ऐतिहासिक जीत के बाद कहा- ये पुनर्जन्म है
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जीत के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने मीडिया से कहा, “यह पुनर्जन्म है।“ साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई है कि इस जीत से आने वाली पीढ़ी में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी पैदा होंगे।

खेल। टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Men's Hockey team) ने कांस्य पदक (Bronze Medal) जीतकर इतिहास रचा है। वहीं टीम की इस जीत के सूत्रधारों में से एक हैं गोलकीपर पीआर श्रीजेश (PR Shreejesh), जो अब 'द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया' (The Great Wall of India) के नाम से सोशल मीडिया (Social Media) पर ट्रेंड (Trend) कर रहे हैं।


वहीं जीत के बाद गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने मीडिया से कहा, "यह पुनर्जन्म है।" साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई है कि इस जीत से आने वाली पीढ़ी में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी पैदा होंगे। बता दें कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया है।

इसके साथ ही श्रीजेश ने कहा कि 41 साल हो गए, आखिरी पदक हमें 1980 में मिला था उसके बाद हमें कुछ भी नहीं मिला। आज हमने पदक जीतकर युवा खिलाड़ियों को हॉकी के लिए प्रेरणा और ऊर्जा दी है। साथ ही उन्होंने कहा, "यह खूबसूरत खेल है, हमने युवाओं को हॉकी खेलने का एक कारण दिया है।"


जब हॉकी टीम जीती तो सभी खिलाड़ियों ने खुशी के आंसूओं के साथ एक-दूसरे को गले लगा लिया, जबकि श्रीजेश गोल पोस्ट के ऊपर बैठ गए थे। शायद 35 साल के श्रीजेश के लिए पदक जीतने का ये आखिरी मौका था। इस दिन के लिए उन्होंने 21 साल का लंबा इंतजार किया था जो पूरा हो गया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं आज हर चीज के लिए तैयार था क्योंकि यह 60 मिनट सबसे अहम थे। मैं पिछले 21 साल से हॉकी खेल रहा हूं और मैंने खुद से इतना ही कहा कि 21 साल का जो भी अनुभव है उसे बस इन 60 मिनटों में करके दिखा दो। वह हमेशा टीम के लिए संकटमोचन बने रहे, जिसकी भूमिका उन्होंने बखूबी निभाई।

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