Tokyo Olympics: 10 साल की उम्र से हॉकी स्टिक पकड़ी... और 29 साल में देश को दिलाया मेडल

खेल। टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Men's Hockey team) ने इतिहास रच दिया है, 41 साल के सूखे को खत्म करके मनप्रीत सिंह (Manpreet Singh) की कप्तानी में भारतीय टीम ने ब्रॉन्ज मेडल (Bronze medal) हासिल किया है। गुरुवार को जर्मनी (Germany) को 5-4 से मात देते हुए भारतीय टीम पदक हासिल करने में कामयाब हुई।
वहीं भारत ने हॉकी में पदक के लिए 1980 के बाद से अबतक का लंबा इंतजार किया, और जब उसे सफलता मिली तो पूरा देश खुशी से झूम उठा। इससे पहले 1980 मॉस्को ओलंपिक मं वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने गोल्ड जीता था। लेकिन उसके बाद से अबतक देश हॉकी में पदक के लिए तरसता रहा, 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में भारतीय टीम को पांचवां स्थान जरूर मिला लेकिन पदक से फिर भी वंचित रही।
टीम ने नई बुलंदियों को छुआ
कप्तान मनप्रीत ने टोक्यो में अपना तीसरा ओलंपिक खेला साथ ही वह उद्घाटन समारोह के दौरान देश की तरफ से ध्वजवाहक भी रहे। उन्हें 2017 में कप्तानी की कमान मिली तो टीम ने कई नई बुलंदियों को छुआ। मनप्रीत की कप्तानी में ही भारतीय टीम ने एशिया कप और एशियन चैंपियन्स ट्रॉफी में गोल्ड, चैंपियन्स ट्रॉफी में सिल्वर और 2018 के एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीते। इसके साथ ही उन्हें 2019 में अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ की तरफ से 'प्लेयर ऑफ द ईयर' से नावाजा गया।
10 साल की उम्र से थामी हॉकी स्टिक
पंजाब के जालंधर जिले के मीठापुर में 26 जून 1992 को जन्में मनप्रीत सिंह ने सिर्फ 10 साल की उम्र में ही हॉकी स्टिक थाम ली थी, उन्हें पूर्व कप्तान परगट सिंह से हॉकी खेलने की प्रेरणा मिली। उसके बाद उन्हें 2011 में जूनियर हॉकी टीम के लिए डेब्यू का मौका मिला, साथ ही वह 2013 मं जूनिय टीम के कप्तान भी बनाए गए। इसके बाद उनकी कप्तानी में जूनियर टीम ने पहली बार सुल्तान जोहोर कप जीता, उनकी इस उपलब्धि के कारण उन्हें 2014 में एशियन हॉकी की तरह से 'प्लेयर ऑफ द ईयर' से नवाजा गया।
उनकी जीत का कारंवा आगे बढ़ता गया और उसी साल भारतीय सीनियर टीम ने पाकिस्तान को मात देते हुए एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। 2016 में कॉमनवेल्थ गेम्स और चैंपियन्स ट्रॉफी में भारतीय टीम ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। हालांकि इन सफलताओं में मनप्रीत का अहम योगदान रहा।
#WATCH | PM Narendra Modi speaks to the India Hockey team Captain Manpreet Singh, coach Graham Reid and assistant coach Piyush Dubey after the team won #Bronze medal in men's hockey match against Germany#TokyoOlympics pic.twitter.com/NguuwSISsV
— ANI (@ANI) August 5, 2021
मनप्रीत का टोक्यो सफर
बता दें कि, मनप्रीत की कप्तानी में भारतीय पुरुष टीम ने 2019 में ओलंपिक क्वालिफायर में रूस को 11-3 के बड़े अंतर से मात देकर टोक्यो का टिकट पक्का किया। इसके बाद इतिहास रचते हुए भारत ने ओलंपिक में 41 साल बाद ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। वहीं कप्तान मनप्रीत सिंह ने मेडल कोरोना योद्धाओं को समर्पित किया है।