Tokyo Olympics: रिंग में पसीना बहा रहीं बॉक्सर पूजा रानी बोहरा, ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है लक्ष्य

Tokyo Olympics: रिंग में पसीना बहा रहीं बॉक्सर पूजा रानी बोहरा, ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है लक्ष्य
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साल 2015 के दौरान दिवाली के दिन पूजा रानी बोहरा का हाथ जल गया था। जिसे ठीक होने में लगभग दो साल का वक्त लग गया। जिसके बाद जब उनका हाथ ठीक हुआ तो वह फिर से रिंग में उतरीं और कामयाबी के नए कीर्तिमान स्थापित किए।

खेल। टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में मुक्केबाज पूजा रानी बोहरा (Pooja Rani Bohra) (75 किलोग्राम भारवर्ग में) विपक्षियों पर मुक्के बरसाती नजर आएंगी। जिसके लिए वह इटली (Italy) में कोचिंग ले रही हैं। मुक्केबाज मेरी कॉम (Mary Kom) को अपना रोल मॉडल मानने वाली पूजा उन्हीं के साथ टोक्यो में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। वहीं पूजा रानी के कोच संजय श्योराण (Sanjay Sheoran) के मुताबिक, वह रोज सुबह और शाम को तीन-तीन घंटे तक विश्व की टॉप महिला बॉक्सरों के साथ अभ्यास कर रहीं हैं। पहले ओलंपिक पदक विजेताओं की बाऊट की वीडियो देखकर भी बारिकियां सीख रही हैं।

मुक्केबाजी नहीं थी पहली पसंद


वहीं कोच संजय श्योराण के मुताबिक, राइट के साथ लेफ्ट पंच का पूजा जबरदस्त इस्तेमाल करके प्रतिद्वंद्वी महिला बॉक्सर को रिंग से बाहर निकलने पर मजबूर कर देती हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि पूजा को मुक्केबाजी से पहले बास्केट बॉल में दिलचस्पी थी। वह कॉलेज के समय बास्केट बॉल में अपना करियर बनान चाहती थीं। लेकिन कोच संजय के कहने पर उन्होंने मुक्केबाजी को अपना लिया। जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई पुरस्कार अपने नाम किए। प्रदेश सरकार पूजा को भीम अवॉर्ड से सम्मानित भी कर चुकी है।

करियर पर लगा ब्रेक


वहीं पूजा की कामयाबी की राह में ऐसा समय भी आया जब उन्हें 2 साल के लिए मुक्केबाजी से दूर रहना पड़ा। दरअसल साल 2015 के दौरान दिवाली के दिन उनका हाथ जल गया था। जिसे ठीक होने में लगभग दो साल का वक्त लग गया। जिसके बाद जब उनका हाथ ठीक हुआ तो वह फिर से रिंग में उतरीं और कामयाबी के नए कीर्तिमान स्थापित किए।

ओलंपिक कोटा किया अपने नाम


जॉर्डन में हुए ओलंपिक क्वालीफाई कर 75 किग्रा भार कैटेगरी में थाइलैंड की मुक्केबाज को हराकर उन्होंने ओलंपिक कोट अपने नाम कर लिया। वहीं उन्होंने ये उपलब्धि खास दिन यानी की 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हासिल की। वहीं उनके पिता राजबीर सिंह और मां दमयंती को उनपर गर्व है।


पूजा की उपलब्धियां इस प्रकार हैं...

-2012 में मंगोलिया में एशियन महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सिल्वर पदक

-2015 में चीन में 7वीं एशियन वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक

-2016 में सरबिया में पांचवें राष्ट्रीय मुक्केबाजी खेलों में कांस्य पदक

-2011 में आस्ट्रेलिया में अराफूरा गेम्स में सिल्वर पदक

-2011 में ओपन बॉक्सिंग में कांस्य पदक

-2014 में कोरिया में 17वें एशियन गेम्स में कांस्य पदक

-2019 में एशियन वूमेन एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

-2021 में दुबई में एशियन वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

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