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Tokyo Olympics: दुनिया के नंबर वन बॉक्सर अमित पंघाल की अब है गोल्ड पर नजर, जानें उनका सफरनामा

पुरुषों में बॉक्सर अमित पंघाल (Amit Paghal) गोल्ड मेडल (Gold Medal) के सबसे बड़े दावेदार के रूप में नजर आते हैं। 52 किलोग्राम वेट कैटेगरी में अमित इस समय दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी हैं। वहीं अमित ओलंपिक में जाने वाले भारत के पहले बॉक्सर हैं जिनकी अपनी कैटेगरी में नंबर वन रैंक है।

Tokyo Olympics: दुनिया के नंबर वन बॉक्सर अमित पंघाल की अब है गोल्ड पर नजर, जानें उनका सफरनामा
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अमित पंघाल (Twitter) 

खेल। टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारत को सबसे ज्यादा मेडल की उम्मीद बॉक्सिंग (Boxing) से है। पुरुषों में बॉक्सर अमित पंघाल (Amit Paghal) गोल्ड मेडल (Gold Medal) के सबसे बड़े दावेदार के रूप में नजर आते हैं। 52 किलोग्राम वेट कैटेगरी में अमित इस समय दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी हैं। वहीं अमित ओलंपिक में जाने वाले भारत के पहले बॉक्सर हैं। उनकी अपनी कैटेगरी में नंबर वन रैंक है।

बचपन से ही घर में था मुक्केबाजी का माहौल


16 अक्टूबर 1995 को हरियाणा (Haryana) के रोहतक जिले के मायना गांव में जन्में अमित के पिता विजेंदर सिंह पेशे से किसान हैं। घर में बचपन से ही उन्हें मुक्केबाजी का माहौल मिला था, बड़े भाई अजय बॉक्सिंग किया करते थे। बड़े भाई अजय ने ही अमित को बॉक्सिंग के लिए प्रेरित किया, बड़े भाई अजय सेना में हैं। जिसके बाद अमित ने भी उनकी सलाह को मानते हुए जी तोड़ मेहनत की और देश के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया।

वहीं पंघाल ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक के लक्ष्य तक पहुंचने के मकसद से पूर्व अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज एवं अपने गुरु अनिल धनखड़ की निगरानी में पिछले कई साल से कमजोरियों को दूर करने के लिए लगातार पसीना बहाया है। भारत के इस दिग्गज मुक्केबाज ने टोक्यो ओलंपिक के लिए अपने 49 किग्रा को 52 किग्रा भार वर्ग में बदलकर मुक्केबाजी में ज्यादा दम दिखाने के लिए तैयार हैं।


22 साल की उम्र में बटोरी सुर्खियां

महज 22 साल की उम्र में ही ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट को हराकर पंघाल ने इतिहास रचा। 2017 में राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने के बाद वह उसी साल में एशियन चैंपियनशिप का कांस्य पदक जीतते ही सुर्खियों में आए। जिसके कारण उन्हें विश्व चैंपियनशिप में पहली बार जगह मिली। हालांकि, वह अंतिम चार के मुकाबले में बाहर हो गये। 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में मुक्के का दम दिखाने का जुनून ही था जो उन्होंने फाइनल में जगह बनाई। लेकिन इसमें उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। उसके बाद एशियाई खेलों में हार का बदला चुकता कर 49 किलोग्राम वर्ग में 2016 रियो ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट उजबेकिस्तान के दुश्मातोव को हराकर स्वर्ण जीता।

भारतीय सेना में बने नाएब सूबेदार


भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर तैनात अमित पंघाल ओलंपिक 2020 में भारत के मेडल की बड़ी आस बनकर उभरे हैं। भारतीय मुक्केबाजी में पंघाल के ऊपर चढ़ने का ग्राफ शानदार रहा है। इसकी शुरुआत 2017 एशियाई चैम्पियनशिप में 49 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक से हुई थी। वह इसी साल विश्व चैम्पियनशिप में पदार्पण करते हुए क्वार्टरफाइनल तक पहुंचे थे और फिर उन्होंने बुल्गारिया में प्रतिष्ठित स्ट्रांदजा मेमोरियल में लगातार स्वर्ण पदक हासिल किए और फिर वह 2018 में एशियाई चैम्पियन बने।

अमित की उपलब्धियां

-2017 में राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप मे स्वर्ण पदक

-2017 में एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक

-2018 में राष्ट्रमंडल खेल में रजत पदक

-2019 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक

-2019 में एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक

-2019 में विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक

-2021 में एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक

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