आईओसी के दबाव में आईओए झुका, भारत का ओलंपिक में लौटने का रास्ता साफ
भारतीय ओलंपिक संघ ने अपने संविधान में संशोधन करके आरोपी व्यक्तियों को चुनावों में लड़ने से रोक दिया।

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haribhoomi.comCreated On: 9 Dec 2013 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से अल्टीमेटम मिलने के बाद कोई विकल्प नहीं रहने के कारण भारतीय ओलंपिक संघ ने अपने संविधान में संशोधन करके आरोपी व्यक्तियों को चुनावों में लड़ने से रोक दिया। इससे भारत का ओलंपिक में लौटने का रास्ता भी साफ हो गया है।
आईओसी के निर्देशों पर आईओए संविधान में संशोधन करने का फैसला रविवार को विशेष आम सभा की बैठक में किया गया। विश्व संस्था ने पिछले महीने अल्टीमेटम दिया था कि यदि आरोपी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से नहीं रोका गया तो वह भारत की मान्यता समाप्त कर देगा। आईओसी ने साफ कर दिया था कि दस दिसंबर से पहले संशोधन करना जरूरी है और ऐसा नहीं होने पर वह आईओसी कार्यकारी बोर्ड में भारत की मान्यता समाप्त करने की सिफारिश करेगा।
कार्यकारी बोर्ड की 10 और 11 दिसंबर को बैठक होनी है। विशेष आम सभा की बैठक की अध्यक्षता करने वाले एस रघुनाथन ने कहा कि निलंबित आईओए के अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला और महासचिव ललित भनोट नौ फरवरी को होने वाले आईओए चुनावों में भाग नहीं ले पाएंगे। अदालत ने इन दोनों को आरोपी ठहरा रखा है। आज की बैठक में 134 सदस्यों ने हिस्सा लिया। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, बैठक में आईओए के संविधान के उस संबंधित धारा में संशोधन करने का सर्वसम्मत फैसला किया गया जिससे आरोपी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोका जा सके।
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