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भारत का पहला व्यक्तिगत ओलंपिक पदक होगा नीलाम

ओलंपिक पदक विजेता जाधव को मरणोपरांत अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

भारत का पहला व्यक्तिगत ओलंपिक पदक होगा नीलाम
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भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक पदक विजेता के जाधव के परिवार ने उनके इस पदक को नीलामी के लिए रखा है जिससे कि उनके नाम पर कुश्ती अकादमी बनाने के लिए कोष जुटाया जा सके।

इस दिग्गज पहलवान के बेटे रंजीत जाधव ने पश्चिम महाराष्ट्र के सतारा जिले से फोन पर बताया, ‘‘कांस्य पदक की नीलामी का फैसला पीड़ादायक था क्योंकि अकादमी बनाने के वादे से राज्य सरकार के पीछे हटने पर हमारे पास अधिक विकल्प नहीं बचे थे।’

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रंजीत ने कहा, ‘‘2009 में जलगांव में कुश्ती प्रतियोगिता के दौरान राज्य के तत्कालीन खेल मंत्री दिलीप देशमुख ने घोषणा की थी कि सरकार मेरे दिवंगत पिता के नाम पर सतारा जिले में राष्ट्रीय स्तर की कुश्ती अकादमी बनाएगी।''

उन्होंने कहा, ‘‘आठ साल बाद भी कुछ नहीं हुआ है। दिसंबर 2013 में परियोजना के लिए एक करोड़ 58 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे लेकिन यह परियोजना आकार नहीं ले पाई।''

जाधव 1952 हेलसिंकी ओलंपिक में 27 बरस की उम्र में इतिहास रचते हुए व्यक्तिगत खेल में ओलंपिक पदक (कांस्य) जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। रंजीत ने कहा, ‘‘मेरे पिता अंतर्मुखी थे और उन्होंने कभी अपनी उपलब्धियों का गुणगान नहीं किया।

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वह 1984 तक जीवित रहे लेकिन सरकार ने कभी उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया जो उन्हें उनके निधन के 16 साल बाद मिला। प्रतिष्ठित लोगों को उस समय क्यों नहीं सम्मानित करते जब वे जीवित होते हैं।''

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