Happy Birthday Khali: हिमाचल के छोटे गांव से लेकर WWE की रिंग तक, ऐसा रहा महाबली खली का सफर

Happy Birthday Khali: हिमाचल के छोटे गांव से लेकर WWE की रिंग तक, ऐसा रहा महाबली खली का सफर
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खली एक ऐसे रेसलर हैं जो WWE में अंडरटेकर, जॉन सीना, जैसे कई फाइटर्सको हरा चुके हैं। आज खली का 50वां जन्मदिन मना रहे है। हिमाचल के एक छोटे से गांव धिराना में 27 अगस्त 1972 को दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली का जन्म हुआ,उनके पेरेन्ट्स ने यह कभी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा औरों से अलग होगा।

डबलूडबलूई (WWE )के पूर्व दिग्गज चैंपियन ​​द ग्रेट खली (The Great Khali) रेसलिंग की दुनिया जाना माना नाम है। खली एक ऐसे रेसलर हैं जो WWE में अंडरटेकर, जॉन सीना, जैसे कई फाइटर्स (Dalip Singh Rana aka The Great Khali)को हरा चुके हैं। आज खली का 50वां जन्मदिन मना (Khali's 50th birthday)रहे है। हिमाचल के एक छोटे से गांव धिराना में 27 अगस्त 1972 को दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली का जन्म हुआ,उनके पेरेन्ट्स ने यह कभी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा औरों से अलग होगा। आइए जानते हैं कैसा रहा द ग्रेट खली का शुरुआती दौर और कैसी रही डबलूडबलूई (Great Khali) तक की 'द ग्रेट जर्नी'।

खली एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते

हिमाचल प्रदेश के राजपूत परिवार (Dalip Singh Rana) में पिता ज्वाला रमा और मां तांडी देवी के यहां दलीप सिंह राणा का जन्म हुआ बचपन से ही खली का शरीर अन्य बच्चों से थोड़ा अलग रहा। खली एक किसान परिवार (farmer family) से ताल्लुक रखते थे। खली का परिवार इतना गरीब था कि पेट भरने के लिए भी रोजी रोटी का इंतजाम करना कठिन (Khali's body and stature) होता था, इसलिए खली ने अपनी पढ़ाई कम्पलीट नहीं की और बचपन से ही काम की तलाश में जुट गए। अपने सात भाई बहनों में से खली की बॉडी और कद काठी सबसे(WWE ring) अलग और भारी-भरकम था। 7 फुट 1 इंच का लंबा(WWE ring)और भारी भरकम शरीर लेकर डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में जब द ग्रेट खली (full of struggles) उतरते थे तो अच्छे-अच्छे रेसलर्स के पसीने छूटने लगते थे। लेकिन खली का WWE की रिंग तक पहुंचने का सफर संघर्षों से भरा (way Khali's body was) रहा। पढ़े लिखे ना होने के कारण से खली को मजदूरी करनी पड़ी। लेकिन जिस तरह खली का शरीर था वह आस-पास के गांव के लोगों के (common people)लिए उत्सुरता का विषय रहा करता था।

रेसलर ने लगातार कई साल मजदूरी की लेकिन उन्हें मजदूरी करके जो भी पैसे मिलते थे वह एक परिवार (diet of Khali) के लिए पर्याप्त नहीं होते थे, क्योंकि खली की डाइट ही आम लोगों से अधिक होती थी। कुछ दिनों बाद खली (Shimla to do labor) मजदूरी करने शिमला गए।

अफसर साहब ने पंजाब आकर पुलिस की जॉब करने को

अचानक खली की किस्मत उस वक्त चमक (police officer from Punjab) उठी जब पंजाब के एक पुलिस अफसर शिमला आए हुए थे और उनकी नजर खली पर गई। खली को अफसर साहब ( Khali was asked by the officer)ने पंजाब आकर पुलिस की जॉब करने को कहा, क्योंकि खली के पास इतना पैसा नहीं थे कि वह पंजाब तक का ट्रैवल कर सकें इसलिए उस पुलिस अफसर ने खुद खली को पैसे देकर पंजाब बुलाया। खली ने भी पंजाब जाकर पुलिस की जॉब की। खली के भाई को भी पुलिस में नौकरी ऑफर हो गई (Khali's brother) थी।

खली का नाम दलीप सिंह राणा से बदलकर 'जायंट सिंह' रखा गया

शुरुआत में खली को भारत में ही रेसलिंग गई (wrestling in India) ट्रेनिंग दी गई इसके बाद ऑल प्रो रेसलिंग के लिए दलीप सिंह राणा को अमेरिका भेजा गया। इस रेसलिंग में भाग लेने के बाद खली का नाम दलीप सिंह राणा से बदलकर 'जायंट सिंह' रखा गया था। अब दलीप सिंह राणा जायंट सिंह बन चुके थे और उन्होंने सैन फ्रांसिस्को के साथ एक कांट्रेक्ट साइन कर लिया जिसके (Dalip Singh) बाद वह वहां 8 महीनों तक रहे। WWF के द्वारा जायंट (WWF Giant Singh) सिंह न्यू जापान प्रो रेसलिंग में गये, जहां उन्हें 'जायंट सिल्वा' के साथ टीम में शामिल किया गया(Giant Silva) ।

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