Sourav Ganguly Birthday : बंगाल के टाइगर से विपक्षी टीम ही नहीं सट्टेबाज भी खाते थे खौफ
बात साल 2000 की है भारतीय क्रिकेट टीम के अन्दर फिक्सिंग नाम का जिन्न निकलकर सामने आ गया। टीम के कई खिलाड़ियों पर पैसा लेकर देश के साथ धोखा करने का आरोप लगा। टीम बिखर सी गई। देश में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए दर्शको के दिल में प्यार था वो एक झटके में नफरत में बदल गया। दुनियाभर में भारतीय क्रिकेट टीम की थू थू होने लगी।

Sourav Ganguly Birthday - सौरभ गांगुली का भारतीय क्रिकेट में योगदान किसी से छिपा नहीं है। लंबे-लंबे छक्के लगाने के लिए मशहूर सौरभ गांगुली (Sourav Ganguly) के क्रिकेट कैरियर में कई ऐसे मौके आए जब लगा कि उनका क्रिकेट कैरियर यहीं खत्म हो जाएगा पर बंगाल टाइगर ने दहाड़ा और हर समस्याओं को कदमों तले दबाते हुए आगे बढ़ गया। टीम इंडिया में जो वर्तमान आक्रमकता आई है उसकी पौध गांगुली ने ही जमाई है।
बात साल 2000 की है भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के अन्दर फिक्सिंग नाम का जिन्न निकलकर सामने आ गया। टीम के कई खिलाड़ियों पर पैसा लेकर देश के साथ धोखा करने का आरोप लगा। टीम बिखर सी गई। देश में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए दर्शको के दिल में प्यार था वो एक झटके में नफरत में बदल गया। दुनियाभर में भारतीय क्रिकेट टीम की थू थू होने लगी।
ऐसे में टीम की कमान 28 साल के सौरभ गांगुली को मिली। गांगुली ने बिखरी टीम को संभाला और जीत की पटरी से उतर चुकी टीम इंडिया को दोबारा पटरी पर लाए। भारतीय दौरे पर आई ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में हराकर सौरभ गांगुली ने अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया। दादा ने न सिर्फ देश में बल्कि विदेशी धरती पर भी टीम को जीत दिलाना शुरू किया। गांगुली की आक्रमकता ही थी जिसने सट्टेबाजों को नजदीक आने ही नहीं दिया।
स्वयं एक सट्टेबाज ने खुलासा किया था कि उनकी ख्वाहिश हमेशा रही कि सौरभ गांगुली तक पहुंचा जाए और उनसे मैच सेट किया जाए। पर उनके अन्दर डर था कि मैच फिक्स करने की बात पर ही गांगुली भड़क जाएंगे और पूरा धंधा बन्द हो जाएगा। दरअसल फिक्सर गांगुली से इस लिए सट्टेबाजी करना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि गांगुली अगर फिक्स हो गए तो पूरी टीम अपने इशारे पर नाचेगी।
फिक्सिंग को लेकर ही एक सवाल पर गांगुली ने कहा था कि बुकी खिलाड़ियों के पास जाने से पहले उनका चरित्र जज करते हैं। मैंने खुद को ऐसे बनाए रखा कि ऐसे लोग मुझसे कभी संपर्क ही नहीं किए। गांगुली ने कहा कि मैने अपनी जिंदगी में गलत को बर्दास्त नहीं किया। इसके लिए कीमत भी चुकाई है। खैर गांगुली ने क्रिकेट को अपना सबकुछ देकर क्रिकेट को अलविदा कहा। दादा आज भी क्रिकेटप्रेमियों के दिलों में राज करते हैं।
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