धोनी बोले जिंदगी भर रहेगा इसका मलाल, ऐसा कर देता तो बच जाता
माही जितनी फुर्ती से विकेट कीपिंग करते हैं उतनी ही तेजी से विकेटों के बीच दौड़ भी लगाते हैं। लेकिन बहुत कम बार होता कि माही डाइव लगाते हैं।

भारतीय पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें 2019 विश्वकप में रन आउट का पछतावा जिंदगी भर रहेगा। महेंद्र सिंह धोनी भारतीय इतिहास में सबसे सफल कप्तानों में से एक है। महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 विश्वकप फाइनल में चक्का लगाकर भारत को जीत दिलाई थी और विश्व विजेता बनाया था। लेकिन एम एस धोनी को वर्ल्डकप 2019 के सेमीफइनल में वो रन आउट अभी भी दर्द देता है जिसकी वजह से भारत वो मैच हार गया था और वर्ल्डकप फाइनल में नहीं पहुंच सका था।
महेंद्र सिंह 2019 वर्ल्डकप में हुए थे रन आउट
माही जितनी फुर्ती से विकेट कीपिंग करते हैं उतनी ही तेजी से विकेटों के बीच दौड़ भी लगाते हैं। लेकिन बहुत कम बार होता कि माही डाइव लगाते हैं। रिपोर्ट की माने तो महेंद्र सिंह धोनी ने एक पत्रकार के डाइव न लगाने के सवाल पर कहा था कि मुझे हमेशा इस बात का दुःख रहेगा, शायद डाइव लगाकर रन आउट से बचा जा सकता था। धोनी ने कहा मै हमेशा वो कुछ इंच के फांसले को देखता हूं तो दुखी हो जाता हूं। महेंद्र सिंह धोनी शानदार फिनिशर के रूप में जाने जाते हैं।
गौरतलब है कि भारतीय पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी वर्ल्डकप सेमीफाइनल में रन आउट हो गए थे। मार्टिन गुप्टिल का सीधा थ्रो विकटों पर जा कर लगा था वहीँ रन आउट हुए धोनी लाइन से मात्र 2 इंच दूर रह गए थे और वर्ल्डकप से बाहर। महेंद्र सिंह धोनी ही नहीं पूरे देश को वो लम्हा याद है और उस समय हर भारतीय का दिल भी उसी विकट की उखड़ गया होगा।
उस मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने 72 गेंदों में 50 रन बनाए थे। इसके बाद धोनी को स्लो बल्लेबाजी के लिए आलोचना का भी शिकार होना पड़ा था। एम एस धोनी का वो सेमीफाइनल मुकाबला आखिरी मुकाबला था, उसके बाद से ही महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट से दूर है। उम्मीद है कि धोनी इस वर्ष होने वाले T20 क्रिकेट वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा होंगे।