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CWG 2018: 21वें राष्ट्रमंडल खेलों का रंगारंग आगाज कल, इन खिलाड़ियों से भारत को पदकों की उम्मीदें

सीरिंज विवाद के बावजूद ऊंचे मनोबल के साथ भारतीय दल गुरुवार से शुरू हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के इरादे से उतरेगा हालांकि इन खेलों को लेकर उत्साह इस शहर में अभी तक नजर नहीं आ रहा।

CWG 2018: 21वें राष्ट्रमंडल खेलों का रंगारंग आगाज कल, इन खिलाड़ियों से भारत को पदकों की उम्मीदें
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सीरिंज विवाद के बावजूद ऊंचे मनोबल के साथ भारतीय दल गुरुवार से शुरू हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के इरादे से उतरेगा हालांकि इन खेलों को लेकर उत्साह इस शहर में अभी तक नजर नहीं आ रहा। खेलों की शुरुआत में बस एक दिन रह गया है लेकिन गोल्ड कोस्ट में कोई उत्साह नहीं दिख रहा।

शहर भर में 71 राष्ट्रमंडल देशों के इस्तकबाल के साइनबोर्ड लगे हैं लेकिन वह त्योहार सरीखा माहौल नहीं दिख रहा जो आम तौर पर हर चार साल में राष्ट्रमंडल देशों के इस खेल महासमर के मेजबान शहर में नजर आता है।

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आयोजक अभी भी इस खूबसूरत शहर के बाशिंदों से टिकटें खरीदने की अपील कर रहे हैं क्योंकि कई खेलों के टिकट बिके ही नहीं है। खेलों की आयोजन समिति के सीईओ मार्क पीटर्स ने कहा, जाओ और टिकट खरीदो। यह जीवन में एक बार मिलने वाला अनुभव है। इस मौके को मत गंवाओ।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद

ग्लास्गो में पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने 15 स्वर्ण, 30 रजत और 19 कांस्य समेत 64 पदक जीते थे। इस बार 218 सदस्यीय दल से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद होगी। अपेक्षाओं का अधिकांश बोझ निशानेबाजों, मुक्केबाजों, बैडमिंटन खिलाड़ियों और पहलवानों पर होगा जो बेहतरीन फार्म में है।

शुरुआती दिन पदक की उम्मीद

स्पर्धाएं पांच अप्रैल से शुरू होगी जबकि बुधवार को उद्घाटन समारोह है। भारत को पहला पदक शुरुआती दिन ही मिल सकता है जब विश्व चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू 48 किलो वर्ग में उतरेगी। इसी दिन बैडमिंटन खिलाड़ी, मुक्केबाज और टेबल टेनिस खिलाड़ी अपने अभियान का आगाज करेंगे।

भारत की पदक उम्मीदों पर एक नजर

निशानेबाज:

हीना सिद्धू: पंजाब की यह पिस्टल निशानेबाज शानदार फार्म में है जिसने कुछ महीने पहले राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते हैं। वह महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल में भाग लेंगी।

मनु भाकर: सोलह बरस की मनु ने कुछ सप्ताह पहले सीनियर विश्व कप में पदार्पण करके दो स्वर्ण पदक जीते। उसने जूनियर विश्व कप में इस प्रदर्शन को दोहराया। अब 10 मीटर एयर पिस्टल में हीना के साथ उतरेगी।

जीतू राय: सेना का यह निशानेबाज 50 मीटर एयर पिस्टल में लगातार दूसरा राष्ट्रमंडल स्वर्ण जीतना चाहेगा। जीतू 10 मीटर एयर पिस्टल में भी चुनौती पेश करेगा और गोल्ड कोस्ट में पदक जीतकर रियो ओलिंपिक 2016 की नाकामी का गम दूर करना चाहेगा।

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एथलेटिक्स :

नीरज चोपड़ा: बीस बरस का यह भालाफेंक खिलाड़ी अपेक्षाओं का भारी बोझ लेकर उतरेगा। लंदन में कुछ महीने पहले सीनियर विश्व चैम्पियनशिप में वह फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सका था। पिछले साल एशियाई चैम्पियनशिप में मिला स्वर्ण अभी तक उसके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

सीमा पूनिया: ग्लास्गो में रजत पदक जीतने वाली चक्काफेंक खिलाड़ी सीमा की नजरें पीले तमगे पर होगी। उसने पिछले महीने फेडरेशन कप में 61.05 मीटर का रिकार्ड बनाया। अब देखना यह है कि एशियाई खेलों की चैम्पियन सीमा क्या गत स्वर्ण पदक विजेता आस्ट्रेलिया की डैनी स्टीवेंस को पछाड़ सकेगी।

बैडमिंटन

पी वी सिंधू: ओलिंपिक रजत पदक विजेता सबसे बड़ी पदक उम्मीद है। उसने पिछली बार कांसा जीता था और इस बार पदक का रंग बदलना चाहेगी।

सायना नेहवाल : करियर के लिए खतरा बनी घुटने की चोट से उबरकर वापसी कर रही 2010 की स्वर्ण पदक विजेता साइना यदि फिटनेस बरकरार रख पाती है तो पदक की प्रबल दावेदार होंगी।

किदाम्बी श्रीकांत : चोटिल कश्यप की गैर मौजूदगी में भारत को पुरुष एकल में पदक दिलाने का दारोमदार श्रीकांत पर होगा। वह 2014 खेलों में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे लेकिन पिछले साल चार सुपर सीरिज खिताब जीते।

मुक्केबाजी

एम सी मेरीकाम : पैतीस बरस की मेरीकाम पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेगी। पांच बार की विश्व चैम्पियन और ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता मेरीकाम 48 किलो में स्वर्ण की दावेदार है।

विकास कृष्णन : भारत के चार विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेताओं में से एक विकास ने बुल्गारिया में स्ट्रांजा स्मृति टूर्नामेंट में स्वर्ण जीता था। मेरीकाम की तरह उनका भी यह इन खेलों में पदार्पण है और 75 किलो में पदक के प्रबल दावेदार है।

कुश्ती

सुशील कुमार : पिछले खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सुशील ने विवादों से भरे दो साल के बाद वापसी की है। वह पुरुषों के 74 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में एक और स्वर्ण जीतना चाहेंगे।

साक्षी मलिक : रियो ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी ने ग्लास्गो में रजत पदक जीता था। वह 62 किलो फ्रीस्टाइल में पदक की दावेदार होंगी।

विनेश फोगाट : ग्लास्गो की स्वर्ण पदक विजेता विनेश रियो ओलिंपिक के दौरान चोटिल हो गई लेकिन एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता।

भारोत्तोलन : विश्व चैम्पियन मीराबाई चानू ( 48 किलो ) के नाम राष्ट्रमंडल खेलों का रिकार्ड है। उनसे एक बार फिर स्वर्ण की उम्मीद होगी।

भाषा

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