राष्ट्रमंडल खेल: सुशील की नजर तीसरे ओलंपिक पदक पर, CBSE ने बदली पेपर की तारीख

अपनी प्रतिभा की बानगी लगातार पेश कर रही भारतीय युवा निशानेबाज ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में जब निशाना साधेंगे तो उन पर अतीत के सुनहरे प्रदर्शन को बरकरार रखने का दारोमदार होगा।
बड़े टूर्नामेंटों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुकी भारतीय निशानेबाजी की युवा ब्रिगेड ब्रिस्बेन के बेलमोंट निशानेबाजी परिसर में आठ से 14 अप्रैल तक दिग्गजों से मुकाबला करेगी। भारत के इन युवा निशानेबाजों में मनु भाकर, मेहुली घोष, अनीश भानवाला और अंजुम मुद्गिल पदक के दावेदारों में होंगे।
इसे भी पढ़े: दोस्त ने ही हथिया ली बीवी, फिर ये आई जिंदगी में, पढ़िए दिनेश कार्तिक की दिलचस्प कहानी
निशानेबाजों में आत्मविश्वास
इन निशानेबाजों का आत्मविश्वास इसी से झलकता है कि इन्होंने मैक्सिको में हाल ही में संपन्न आईएसएसएफ विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चार स्वर्ण समेत नौ पदक जीते।
मनु ने विश्व कप में जीते थे दो स्वर्ण
झज्जर की 16 बरस की मनु भाकर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण के साथ दस मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण जीता और अगले दिन ओमप्रकाश मिठारवाल के साथ मिश्रित टीम स्पर्धा में भी पीला तमगा हासिल किया।
सीबीएसई ने बदली पर्चे की तारीख
सीबीएसई ने निशानेबाजों के अनुरोध पर पहली बार बोर्ड परीक्षा के तीन पर्चों की तारीखों में बदलाव किया जिससे पता चलता है कि इस खेल और युवा निशानेबाजों से कितनी उम्मीदें हैं।
इसे भी पढ़े: टू व्हीलर चालकों को देख डर जाते हैं सचिन तेंदुलकर, नितिन गडकरी को लिखा पत्र
सुशील राष्ट्रमंडल में अपना स्तर जांच पाएंगे
भारत के सितारा पहलवान सुशील कुमार को कुछ साबित नहीं करना है लेकिन वह बहुत कुछ कर दिखाना चाहते हैं और उनके लिए अगले महीने होने वाले राष्ट्रमंडल खेल तीसरे ओलंपिक पदक का ‘अधूरा’ सपना पूरा करने की कवायद में पहला कदम है।
दो बार के राष्ट्रमंडल चैंपियन सुशील
राष्ट्रमंडल खेलों में गत दो बार के चैम्पियन 34 बरस के सुशील का मानना है कि इन खेलों से उनका कैरियर और लंबा होगा। ओलंपिक रजत और कांस्य पदक विजेता 66 किलो फ्रीस्टाइल पहलवान को उम्मीद है कि इन खेलों से उन्हें पता चल जाएगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह कहां ठहरते हैं।
रियो में नरसिंह को दी गई थी तरजीह
रियो ओलंपिक से ठीक पहले नरसिंह यादव को औपचारिक ट्रायल के बिना सुशील पर तरजीह दी गई। डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण नरसिंह बाद में निलंबित हो गए लेकिन सुशील भी लगातार तीसरा ओलंपिक पदक हासिल करने का मौका नहीं पा सके। राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भी उनका चयन तनावपूर्ण ट्रायल के बाद हुआ जब उनके प्रतिद्वंद्वी प्रवीण राणा और उनके समर्थक आपस में भिड़ गए थे।
सुशील पोडियम योजना से बाहर
सुशील को सरकार की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना से बाहर कर दिया गया लेकिन उन्हें कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने कहा- मैं इस बारे में नहीं सोचता कि लोग क्या कहते हैं। मेरा काम अपना शत प्रतिशत देना है। मैंने जीवन में सब कुछ हासिल किया है और मुझे राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के जरिए वापसी करने की कोई जरूरत नहीं है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App