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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें

अशोक गहलोत राजनीति में एक कुशल नेता की छवि रखते हैं इसलिए राजस्थान में उन्होंने वसुंधरा राजे की सरकार को मात दी है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद सोमवार 17 दिसंबर को अशोक गहलोत शपथ समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें
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राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद सोमवार 17 दिसंबर को अशोक गहलोत शपथ समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। गहलोत तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने हैं। वहीं सचिन पायलट ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।

अशोक गहलोत जीवनी

3 मई 1951 को जोधपुर राजस्‍थान में जन्मे गहलोत स्‍व॰ श्री लक्ष्‍मण सिंह गहलोत के पुत्र हैं। गहलोत के पिता पेशे से जादूगर पिता थे। अशोक गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्‍नातक डिग्री प्राप्‍त की तथा अर्थशास्‍त्र विषय लेकर स्‍नातकोत्‍तर डिग्री प्राप्‍त की है। वह राजनीति में एक लंबे समय से हैं।

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री के लिए गहलोत का नाम मुख्य तौर पर चर्चा में था। इसलिए कांग्रेस पार्टी के चयन के बाद राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए अशोक गहलोत शपथ लेंगे। गहलोत दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

मुख्यमंत्री: राजस्थान के 23 वें (13 दिसम्बर 2008 – 12 दिसम्बर 2013),राजस्थान के 21 वें मुख्यमंत्री (1 दिसम्बर 1998 – 8 दिसम्बर 2003)

राजस्‍थान में गहलोत को बहुत मान-सम्मान मिलता है। राजनीतिक जीवन में उन्होंने बहुत सफलता हासिल की जिसके लेकिन स्कूल के दिनों में उनका मजाक उड़ाया जाता था। उनके पिता बाबू लक्ष्मण सिंह गहलोत देश के जाने-माने जादूगर थे। पिता के साथ गहलोत भी बचपन में जादू दिखाते थे। अशोक गहलोत ने अपने पिता से जादूगरी सीखी थी और काफी समय तक जादूगर का भी काम किया।

पिता के साथ गहलोत ने स्‍कूली दिनों में जादू का प्रदर्शन करते थे। गहलोत जब पिता के साथ जादू दिखाया करते थे तो लोग उनका मजाक उड़ाते थे। गिली-बिली कहकहर लोग गहलोत पर हंसा करते थे लेकिन लंबे समय बाद वह जादू की दुनिया छोड़ सियासत में पारी खेलने आ गए।

अशोक गहलोत एक कांग्रेसी नेता हैं। गांधी परिवार से उनके करीबी रिश्ते रहे हैं। अशोक गहलोत इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तथा पीवी नरसिम्‍हा राव के मंत्रिमण्‍डल में केन्‍द्रीय मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। वह दिग्गज कांग्रेसी नेताओं की शरण में रहे हैं अब वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ काम करेंगे। तीन बार केन्‍द्रीय मंत्री रहे गहलोत कांग्रेस की कमान संभाले हुए हैं।

गहलोत की पत्नी सुनीता गहलोत हैं जो ग्रहणी हैं। अशोक गहलोत की शादी 27 नवम्‍बर, 1977 को हुई थी। गहलोत के बच्चों में उनके एक पुत्र वैभव गहलोत और एक पुत्री सोनिया गहलोत हैं।

गहलोत के विषय में यह चर्चित हैं कि वह कड़क चाय के शौकीन हैं। अशोक गहलोत हमेशा अपने पास एक बिस्किट का पैकेट रखते हैं ताकि वह कहीं भी खा सकें। साथ ही वह कड़क चाय के भी शौकीन हैं। चाय पीने के लिए वह कहीं भी रास्ते के ढाबे पर रूक जाते हैं।

गहलोत की संपत्ति की बात की जाए तो उनके पास कुल 6 करोड़ 44 लाख की संपत्ति है। हालांकि आज भी उन्होंने बड़ी गाड़ी नहीं खरीदी है। गहलोत के पास 25 तोला सोना है उनकी कंपनी गहलोत सनलाइट कार रेंटल सर्विसेज भी उनका बेटा वैभव चलाता है। गहलोत की पत्नी ग्रहणी हैं।

गहलोत राजनीति में एक कुशल नेता की छवि रखते हैं इसलिए राजस्थान में उन्होंने वसुंधरा राजे की सरकार को मात दी है। गहलोत का जादू ही है जिस राज्य में क्षत्रिय, जाटों और ब्राह्मणों का वर्चस्व है वहां माली जाति के नेता ने गहरी पैठ बनाई है। वह दो बार राजस्थान सीएम पद पर काबिज रहे हैं।

1998 में उन्होंने बड़े नेताओं को राजनवीति में चुनौती दी थी जिसके बाद जनता ने उन्हें सीएम के लिए चुना था। साल 2008 में भी उन्होंने अप्रत्याशित अंदाज में मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली। अब 2018 में उन्होंने वसुंधरा राजे की सरकार का तख्तापलट कर दिया है।

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