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कोटा में बच्चों की मौत का आंकड़ा 104 पहुंचा, केंद्र की हाईलेवल टीम जांच के लिए रवाना

राजस्थान के कोटा में बच्चों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। बच्चों की मौत की संख्या 104 पर पहुंच गई है। आज केंद्र की हाई लेवल टीम इस पूरे मामले का जायजा लेगी।

कोटा में बच्चों की मौत का आंकड़ा 104 पहुंचा, केंद्र की हाईलेवल टीम जांच के लिए रवाना
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कोटा में बच्चों की मौत का आंकड़ा 104 पहुंचा (फाइल फोटो)

राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। मृतक बच्चों की संख्या 100 से बढकर 104 पर पहुंच गई है। साल के पहले दिन 3 बच्चों ने दम तोड़ा, जबकि गुरुवार को एक बच्चे की मौत हुई। इस मामले में केन्द्र अब अपना हस्तक्षेप किया है। आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक विशेष टीम राजस्थान के कोटा स्थित जे.के. लोन हॉस्पिटल जाएगी। इस टीम में जोधपुर एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर, स्वास्थ्य, वित्त और क्षेत्रीय निदेशक शामिल होंगे। इसके अलावा जयपुर से भी विशेषज्ञों को इसमें शामिल किया गया है। कोटा के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा भी आज कोटा पहुंच रहे हैं। कोटा स्थित इस अस्पताल में उपचार के दौरान बीते दिसंबर में लगभग 100 बच्चों की मौत हो चुकी है।

मौत का आंकड़ा नया नहीं

कोटा में मौत का आंकड़ा नया नहीं है। 2014 में 15719 बच्चे भर्ती हुए, जिसमें 1198 बच्चों को बचाया नहीं जा सका। अगले साल यानी 2015 में 17579 बच्चे भर्ती हुए जिसमें 1260 बच्चों की मौत हुई। साल 2018 और 2019 में भी यही सिलसिला चला।

केंद्र ने दिया मदद का भरोसा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि उन्होंने इस बारे में राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात की है। उनके मुताबिक, केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को बच्चों के इलाज में हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ की एक टीम को भी राजस्थान के लिए रवाना किया गया है, ताकि वहां बच्चों की मौत रोकी जा सके।

वित्तीय सहायता करेगी केन्द्र सरकार

डॉ. हर्ष वर्धन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताया कि जे.के. लोन हॉस्पिटल को वित्त वर्ष 2019-20 में अग्रिम राशि के तौर पर पर 91 लाख रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं। यह राशि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत दी गई है। वहीं कोटा जिले की बात करें तो वित्त वर्ष 2019 -20 के लिए इस जिले को 27 करोड़ 45 लाख रुपये आवंटित किए गए।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से और अधिक वित्तीय सहायता दिए जाने की पेशकश की है। डॉ. हर्षवर्धन ने राजस्थान सरकार से कहा कि जरूरत होने पर राजस्थान सरकार वित्तीय सहायता के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेज सकती है।

सामाजिक संगठनों ने जताई चिंता

पिछले दिनों भाजपा की 4 महिला सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कोटा स्थित जे.के. लोन अस्पताल का निरीक्षण किया। यहां दिसंबर माह में लगभग 100 बच्चों की मौत पर कई सामाजिक संगठन भी अपनी चिंता सरकार के सामने जाहिर कर चुके हैं।

राजस्थान सरकार की रिपोर्ट

राजस्थान सरकार ने गुरुवार को भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट जारी की है जिसमें से बताया गया है कि खराब परफॉर्मेंस वाले 10 एनआईसीयू में से 9 भाजपा शासित राज्यों में हैं। इनमें से उत्तर प्रदेश के तीन हैं जिसमें लखनऊ भी शामिल है।बिहार के चार हैं, झारखंड और गुजरात का एक न्यू मेटल आईसीयू है।

उत्तर प्रदेश के सैफई अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की मृत्यु दर 44 है और लखनऊ में 31.6 है। गुजरात के वडोदरा में मृत्यु दर 26 फ़ीसदी है जबकि राजस्थान में मृत्यु दर बेहद कम है। राजस्थान में सबसे ज्यादा मृत्यु कोटा के जेके लोन अस्पताल में बीजेपी शासन के दौरान 2015 में अगस्त महीने में हुई है. 1 महीने में 154 बच्चों की मृत्यु हुई थी और 1 दिन में 12 बच्चे मरे थे।

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