कोटा में शिशुओं की मौत पर बोले अशोक गहलोत कहा, प्रदेश में लगातार कम हो रही है मृत्यु दर
कोटा में 100 से ज्यादा शिशुओं की मौत की मौत के मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान आया है।

राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) जिले के जेके लोन अस्पताल में नवजातों की मौत को लेकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बयान दिया है। सीएम ने एक बाद एक ट्वीट कर इन मौतों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। अशोक गहलोत ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि कोटा के अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे भी इसे कम करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि मां और बच्चे स्वस्थ रहें यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
जेके लोन अस्पताल, कोटा में हुई बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे। मां और बच्चे स्वस्थ रहें यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 2, 2020
इसके बाद उन्होंने सरकार के काम के बारे में बताते हुए लिखा कि राजस्थान में सर्वप्रथम बच्चों के ICU की स्थापना हमारी सरकार ने 2003 में की थी। कोटा में भी बच्चों के ICU की स्थापना हमने 2011 में की थी।
राजस्थान में सर्वप्रथम बच्चों के ICU की स्थापना हमारी सरकार ने 2003 में की थी। कोटा में भी बच्चों के ICU की स्थापना हमने 2011 में की थी।
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 2, 2020
अपने तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है। हम उनसे विचार विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में इम्प्रूवमेंट के लिये तैयार हैं। निरोगी राजस्थान हमारी प्राथमिकता है। मीडिया किसी भी दबाव में आये बिना तथ्य प्रस्तुत करे।
स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है। हम उनसे विचार विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में इम्प्रूवमेंट के लिये तैयार हैं। #NirogiRajasthan हमारी प्राथमिकता है।
मीडिया किसी भी दबाव में आये बिना तथ्य प्रस्तुत करे, स्वागत है।
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दिसंबर के आखिरी 2 दिनों में 9 शिशुओं की मौत
दिसंबर के आखिरी 2 दिनों में कोटा के जेके लोग अस्पताल में 9 नवजातों की मौत हो गई थी। वहीं इससे पहले 23 और 24 दिसंबर को भी अस्पताल में 10 शिशुओं की मौत हुई थी। कोटा में केवल दिसंबर में ही 100 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा था कि यहां 2018 में 1,005 शिशुओं की मौत हुई थी और 2019 में उससे कम मौतें हुई हैं। अस्पताल के अधीक्षक के अनुसार अधिकतर शिशुओं की मौत जन्म के समय कम वजन के कारण हुई।
अस्पताल में पर्याप्त नर्सें नहीं
31 दिसंबर को लॉकेट चटर्जी, कांता कर्दम और जसकौर मीणा समेत बीजेपी के सांसदों के एक संसदीय दल ने अस्पताल का दौरा किया था। दल ने कहा कि एक ही बेड पर दो-तीन बच्चे थे और अस्पताल में पर्याप्त नर्सें भी नहीं हैं। इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य की कांग्रेस सरकार को नोटिस जारी किया था।
ओम बिरला का संसदीय क्षेत्र है कोटा
कोटा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का संसदीय क्षेत्र भी है। बीती महीने उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस विषय की जांच-पड़ताल कराने और आवश्यक मेडिकल इंतजाम करने के लिए चिट्ठी लिखी थी।
मौतों की संख्या निश्चित रूप से अधिक हैं-डा. हर्षवर्धन
कोटा मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कहा कि मैंने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर उनसे इस मामले को देखने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी तरफ से हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया है। पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस बार मौतों की संख्या निश्चित रूप से अधिक है।
Union Health Minister Harsh Vardhan on #KotaChildDeaths: I have written a letter to Rajasthan CM Ashok Gehlot requesting him to look into the matter. We have assured all kind of support from our side. Number of deaths is definitely higher this time compared to last few years. pic.twitter.com/esdUX7Wm1s
— ANI (@ANI) January 2, 2020
माताओं का दुःख नहीं समझ पा रहीं प्रियंका वाड्रा
सीएम योगी आदित्यनाथ ऑफिस के आधिकारिक टि्वटर हैंडल से इस संबंध में तीन ट्वीट किए गए हैं। इनमें लिखा गया है कि कोटा में करीब 100 मासूमों की मौत बेहद दुःखद और हृदय विदारक है। माताओं की गोद उजड़ना सभ्य समाज, मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं पर धब्बा है। अत्यंत क्षोभ है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका वाड्रा महिला होकर भी माताओं का दुःख नहीं समझ पा रहीं।
श्रीमती वाड्रा अगर यू.पी. में राजनीतिक नौटंकी करने की बजाय उन गरीब पीड़ित माताओं से जाकर मिलतीं,जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही की वजह से सूनी हो गई है तो उन परिवारों को कुछ सांत्वना मिलती।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 2, 2020
इनको किसी की न चिंता है,न कोई संवेदना, जनसेवा नहीं सिर्फ राजनीति करनी है।
अगले ट्वीट में लिखा है कि राजस्थान में कांग्रेसी सरकार, वहां के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी की उदासीनता, असंवेदनशीलता व गैर-जिम्मेदाराना रवैया और इस मामले में चुप्पी साधे रहना मन दुखी कर देने वाला है।
राजस्थान में कांग्रेसी सरकार, वहां के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी की उदासीनता, असंवेदनशीलता व गैर-जिम्मेदाराना रवैया और इस मामले में चुप्पी साधे रहना मन दुखी कर देने वाला है।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 2, 2020
तीसरे और आखिरी ट्वीट में लिखा है कि श्रीमती वाड्रा अगर यू.पी. में राजनीतिक नौटंकी करने की बजाय उन गरीब पीड़ित माताओं से जाकर मिलतीं, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही की वजह से सूनी हो गई है तो उन परिवारों को कुछ सांत्वना मिलती। इनको किसी की न चिंता है, न कोई संवेदना, जनसेवा नहीं सिर्फ राजनीति करनी है।
कोटा में करीब 100 मासूमों की मौत बेहद दुःखद और हृदय विदारक है। माताओं की गोद उजड़ना सभ्य समाज,मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं पर धब्बा है।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 2, 2020
अत्यंत क्षोभ है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी,कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका वाड्रा महिला होकर भी माताओं का दुःख नहीं समझ पा रहीं।