राजस्थान में गहलोत ने पलटे वसुंधरा सरकार के कई फैसले, पंचायत चुनाव के लिए शैक्षणिक योग्यता की अर्हता खत्म
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सत्ता संभालते ही वसुंधरा सरकार के कई फैसलों को पलट दिया है। नई सरकार ने पार्षद और सरपंच के चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 30 Dec 2018 1:27 AM GMT
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सत्ता संभालते ही वसुंधरा सरकार के कई फैसलों को पलट दिया है। नई सरकार ने पार्षद और सरपंच के चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शनिवार को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किसानों का कर्ज माफ करने की पात्रता तय करने के लिए अंतर्विभागीय समिति गठित करने और वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने जैसे कई अहम फैसले भी किए गए।
कैबिनेट की बैठक में सरकारी लेटरहेड पर से पंडित दीनदयाल की तस्वीर हटाने और उसकी जगह अशोक स्तंभ को ही केंद्र में रखने का भी फैसला किया गया। सूचना व जनसंपर्क मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने पंचायती राज व स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता की अहर्ता समाप्त करने का फैसला किया है।
बता दें कि वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2015 में स्थानीय निकाय चुनावों में उम्मीदवारों के न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रावधान लागू किए गए थे।
जन घोषणा पत्र नीतिगत दस्तावेज
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस का जन घोषणा पत्र, राजस्थान की मौजूदा सरकार का नीतिगत दस्तावेज होगा और इसे समयबद्ध तरीके से तत्परता से कार्यान्वित किया जाएगा।
इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मंत्रिमंडल की समिति गठित करने का निर्णय किया गया है, जिसके लिए मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री गहलोत को अधिकृत किया है। इसके साथ ही पूर्ववर्ती सरकार द्वारा पिछले छह महीनों में लिए गए फैसलों की समीक्षा भी की जाएगी।
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