''पायलट'' और ''गहलोत'' के बीच फंस गए थे राहुल, तब ये बने थे ''संकट मोचक''
पॉलिटिकल ड्रामे में एक राजनेता ने मीडियएटर की भूमिका निभाकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का काम आसान कर दिया।

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर घमासान रहा है। इस बीच राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के भी यही ड्रामा चलता रहा। मुख्यमंत्री के लिए पहले अशोक गहलोत और फिर सचिन पायलट के नाम पर सुई घूमती रही।
कभी गहलोत तो कभी पायलट को दिल्ली बुलाया गया था। अगले ही दिन गुरुवार को फिर दिल्ली में बैठके होती रहीं। गहलोत को सीएम बनाकर दो बार एयरपोर्ट के लिए रवाना कर दिया गया। फिर दोनों ही बार वापस भी बुलाया गया। इस सब में राहुल गांधी, अशोक गहलोत, सचिन पायलट शामिल थे पर एक शख्स और था जिसने इस ऊहापोह में बड़ी भूमिका निभाई।
अहमद पटेल ने सुलझाई गुत्थी
इस पॉलिटिकल ड्रामे में एक राजनेता ने मीडियएटर की भूमिका निभाकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का काम आसान कर दिया। जिसका नाम अहमद पटेल है आइए जानते हैं किस तरह से पटेल ने राजस्थान का मुख्यमंत्री चुनने की गुत्थी को सुलझाया......
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रह चुके हैं। जिन्होंने गहलोत को सीएम बनाने की राय दी। इतना ही नहीं वह पहले ही राजस्थान मुख्यमंत्री पद के लिए गहलोत के नाम पर मोहर लगा चुके थे। इसके लिए पटेल ने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी को राजी किया। फिर राहुल गांधी को मनाया गया ताकि फैसला सही समय पर हो।
अहमद पटेल ने गहलोत का एहसान उतारा
दरअसल इस मामले में पटेल ने गहलोत को अपने ऊपर एहसान को उतार दिया। गहलोत ने पटेल की तब मदद की थी, जब गुजरात में पटेल राज्यसभा के लिए चुनाव लड़ रहे थे।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पटेल को चुनौती दे रहे थे, तब गुजरात प्रभारी के तौर पर अशोक गहलोत ने पटेल की काफी मदद की थी। इस फेवर को उतारने के लिए पटेल ने गहलोत का समर्थन किया।
जितेंद्र सिंह ने सचिन पायलट को मनाया
राजस्थान में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस नेता सचिन पायलट ज्यादा सुर्खियों में हैं। सचिन युवाओं के बीच अधक लोकप्रिया हैं। इसलिए वह सीएम की कुर्सी पर विराजमान होने के लिए अति उत्साहित थे। ऐसे में डिप्टी सीएम बनने के लिए पायलट राजी नहीं हो रहे थे। मुख्यमंत्री पद से नीचे गहलोत और पायलट दोनों नहीं जाना चाहते थे।
इसके लिए पार्टी में मीडिएटर्स ने काम किया। कौन बनेगा मुख्यमंत्री विवाद को खत्म करने के लिए राहुल गांधी भी हार मान गए। तब पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह कार्य अपने हाथों में लिया। पायलट को पहले डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया गया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
बाद में जितेंद्र सिंह ने मनाया और सचिन पायलट डिप्टी सीएम बनने को राजी हो गए। शुक्रवार को जितेंद्र और सचिन पायलट की मुलाकात के बाद दोनों में सहमति बनी। फिर तीनों नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान अशोक गहलोत भी मौजूद रहे। चारों की उपस्थिति में सीएम और डिप्टी सीएम पद के लिए नाम फाइनल हो गए। इस तरह दो नेताओं की बुद्धि और राजनीतिक विचारधारा के कारण राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बन गई।
सीएम पद की दावेदारी में दोनों ने दिए तर्क
सचिन पायलट सीएम पद के दावेदारी के लिए अड़े रहे। पायलट का तर्क था कि गहलोत की अगर इच्छा थी तो वह तब भी अध्यक्ष बन सकते थे। पायलट ने राहुल से कहा- गहलोत 1998 में सीएम बनने के बाद 2003 में पार्टी को नहीं जिता पाए थे, रही बात 2019 के लोकसभा चुनाव में नतीजे देने की तो जनता को उन पर भरोसा है।
पायलट ने कहा 2008 में सीएम बनने के बाद 2013 में पार्टी हारकर 21 सीटों पर आ गई। गहलोत तब प्रदेश अध्यक्ष क्यों नहीं बने थे।? पायलट के तर्क के बाद गहलोत ने भी अपने मुद्दे स्पष्ट कर दिए।
उन्होंने उन्होंने गुजरात, कर्नाटक और अन्य दूसरे राज्यों में अपने द्वारा किए गए कामों को गिना दिया। गहलोत ने यह भी तर्क दिया कि अगर वह सीएम नहीं बने तो लोकसभा चुनाव में जातीय समीकरण बिगड़ सकते हैं। जिसका असर लोकसभा चुनावों की जीत पर पड़ेगा।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
- Rajasthan ashok Gehlot CM of Rajasthan Jitendra Patel Sachin pilot Sachin Pilot cm rajastahn CM Jitendra Singh Ahmed Patel Rajasthan Jaipur Rahul Gandhi Lok Sabha Amit Shah Gujarat Ashok Gehlot Rajya Sabha Kamal Nath Madhya Pradesh Gehlot will be next CM of Rajasthan J Rajasthan Jaipur Rahul Gandhi Lok Sabha Gujarat Ashok Gehlot Rajya Sabha Kamal Nath विधानसभा चुनाव 2018 अशोक गहलोत राहुल गांधी अशोक गहल�