फिल्म पानीपत को लेकर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन, लोकसभा तक पहुंचा विवाद
फिल्म पानीपत को लेकर जयपुर सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन और नेताओं की बयानबाजी जारी है। इसके साथ ही ज्यादातर शहरों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। ये विवाद लोकसभा में भी उठाया गया।

फिल्म पानीपत को लेकर कई प्रदेशों में जबरदस्त प्रदर्शन जारी है। फिल्म पानीपत में महाराजा सूरजमल के चित्रण को लेकर जाट समाज में ही नहीं बल्कि सभी समाजों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। राजपूत करणी सेना ने जाट समाज के नेताओं के साथ मिल कर जयपुर के प्रसिद्ध राजमंदिर सिनेमा के बाहर फिल्म के पोस्टर जलाए और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
वहीं ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने भी फिल्म पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ की जा रही छेड़छाड़ पूरी तरह गलत है। सेंसर बोर्ड को इस फिल्म पर तुरंत रोक लगानी चाहिए। वहीं कोटा के सभी सिनेमाघरों से पानीपत मूवी को हटा दिया गया है। यहां के लोगों ने प्रदर्शन कर फिल्म पर बैन लगाने की मांग की गई। भीलवाड़ा में भी बड़ी संख्या में जाट समुदाय के लोगों ने सड़कों पर उतर कर फिल्म पर जल्द से जल्द बैन लगाने की मांग की है।
वहीं, फिल्म पानीपत को लेकर चल रहे विवाद और प्रदर्शन के बीच भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि महाराजा सूरजमल का जो चित्रण किया गया है, वो निंदनीय है। महाराजा सूरजमल हिंदुत्व के सूरज हैं, उन्होंने जिंदगीभर मुगलों के खिलाफ संघर्ष किया। पूनिया ने कहा कि इतिहास के साथ अक्सर इस तरह की छेड़छाड़ होती आई है, जिसे रोका जाना चाहिए। पूनिया ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं हो, इसके इंतजाम भी होने चाहिए।
फिल्म विवाद मामले को लोकसभा में घसीट दिया। लोकसभा में हनुमान बेनीवाल ने कहा कि पानीपत फिल्म में भरतपुर के महाराजा सुरजमल के संबंध में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। जिससे न केवल जाट समाज बल्कि देश के प्रत्येक व्यक्ति की भावनाएं को ठेस पहुंची है। ऐसे में सरकार से अनुरोध है जिस तरह से पहले भी 15 फिल्मों पर बैन किया गया। इस फिल्म पर भी बैन किया जाए, नहीं तो इस देश में बहुत बड़ा आंदोलन होगा।
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