पंजाब के 55 सरकारी स्कूलों में नहीं एक भी टीचर, 1000 स्कूलों में महज 1-1 टीचर
देश के प्रत्येक राज्य में सरकारी स्कूलों की स्थिति दिनों दिन गिरती ही जा रही है। न सिर्फ पढ़ाई पर सवाल उठते हैं बल्कि वहां कि बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं। कुछ ऐसे ही हालात पंजाब के हैं।

देश के प्रत्येक राज्य में सरकारी स्कूलों की स्थिति दिनों दिन गिरती ही जा रही है। न सिर्फ पढ़ाई पर सवाल उठते हैं बल्कि वहां कि बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं। कुछ ऐसे ही हालात पंजाब के हैं।
पंजाब के सीमावर्ती इलाके में 55 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं हैं। 150 स्कूल ऐसे हैं जहां एक-एक अध्यापक है। ये आंकड़ा खुद माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से दिए गए हैं।
प्रदेश में सरकारी शिक्षा के हालात को इस तरह से समझा जा सकता है कि पूरे प्रदेश में 1000 स्कूल ऐसे हैं जहां केवल एक-एक शिक्षक हैं। सीमावर्ती स्कूलों के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं उसे लेकर आधिकारियों में अलग राय है।
उनके अनुसार सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है साथ ही प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में पोस्टिंग का विकल्प भी शिक्षक कम चुनते हैं। इसीकारण बॉर्डर बेल्ट के कई स्कूल पहले ही बंद हो चुके हैं और जो इस समय हैं उसमें भी अध्यापक नहीं हैं।
पंजाब की अमरिंदर सरकार के शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला के अनुसार ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू हो गई है जल्द ही शिक्षको से खाली पड़े स्कूलों में शिक्षकों को भेजा जाएगा। साथ ही नई भर्ती जल्द ही निकाले जाने की बात भी शिक्षा मंत्री ने कही।
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