फुलका की धमकी को पंजाब के पांच मंत्रियों ने बताया ‘न्याय को बाधित करने का प्रयास''
कोटकपुरा और बेहबल कलां में पुलिस फायरिंग की घटनाओं के लिये पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और सेवानिवृत्त डीजीपी एसएस सैनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में कांग्रेस सरकार के विफल रहने पर विधायक पद छोड़ने की आम आदमी पार्टी के नेता एच एस फुलका की धमकी को पंजाब सरकार के पांच वरिष्ठ मंत्रियों ने रविवार को ‘‘न्याय प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास'''' करार दिया।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 3 Sep 2018 7:31 AM GMT Last Updated On: 3 Sep 2018 7:31 AM GMT
कोटकपुरा और बेहबल कलां में पुलिस फायरिंग की घटनाओं के लिये पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और सेवानिवृत्त डीजीपी एसएस सैनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में कांग्रेस सरकार के विफल रहने पर विधायक पद छोड़ने की आम आदमी पार्टी के नेता एच एस फुलका की धमकी को पंजाब सरकार के पांच वरिष्ठ मंत्रियों ने रविवार को ‘‘न्याय प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास' करार दिया।
फुलका ने शनिवार को कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा, नवजोत सिंह सिद्धु, चरनजीत सिंह चन्न, मनप्रीत सिंह बादल और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा को 15 दिन की चेतावनी देते हुए कहा था कि वे बादल और सैनी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराएं। उन्होंने कहा, ‘‘विधायक पद छोड़ने की उनकी धमकी न्याय की प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास है।'
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक राजनीति में इस तरह का कृत्य किसी वरिष्ठ नेता को शोभा नहीं देता। मंत्रियों ने यहां एक संयुक्त बयान में कहा कि सरकार बेअदबी मामले में कानूनी प्रक्रिया के तहत न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजीत सिंह आयोग द्वारा त्वरित और व्यापक जांच के बाद दोषी ठहराए गए लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें दंड दिलवाने के लिये प्रतिबद्ध है।
इस बीच शिरोमणी अकाली दल ने फुलका की चेतावनी को ‘‘सियासी फायदा लेने के लिये की गई राजनीतिक नौटंकी' करार दिया।
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