Amritsar Train Accident: 4 हफ्ते में आएगी अमृतसर रेल हादसा की न्यायिक जांच रिपोर्ट
पंजाब के अमृतसर में दशहरा के दिन हुए दर्दनाक हादसे हो लेकर लोग गुस्से में हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घटना के 16 घंटे बाद अस्पताल जा कर में घायलों का हाल जाना।सीएम ने घटना के न्यायिक जांच के आदेश। इस जांच की रिपोर्ट 4 हफ्तों में आएगी।

पंजाब के अमृतसर में दशहरा के दिन हुए दर्दनाक हादसे हो लेकर लोग गुस्से में हैं। शनिवार को गुस्साए लोगों ने शिवाला फाटक के गेटमैन निर्मल सिंह की पिटाई की और उन्हें रेलवे के केबिन (एस-26-ई3) से नीचे फेंक दिया। उनके सिर में गंभीर चोटें आई हैं।
उधर, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह घटना के 16 घंटे बाद अस्पताल में घायलों का हाल जानने पहुंचे। उन्होंने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। घटना की न्यायिक जांच की रिपोर्ट 4 हफ्ते में आएगी।
लोगों ने शनिवार को शवों को साथ लेकर प्रदर्शन किया और बस स्टैंड मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। पुलिस प्रशासन को जाम खुलवाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। काफी मशक्कत के बाद जाम खुलवाया जा सका।
पुलिस की तरफ से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त बल मंगवा लिया गया है। वहीं आयोजक सौरव मदान और उसके परिजन घर में ताला लगाकर भूमिगत हो गए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी कि प्रबंधकों का कसूर है या नहीं।
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को भी नाराज लोगों का गुस्सा शिक्षा मंत्री पर भड़का था। बचाव में मंत्री के गनर को हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। स्थानीय लोग हादसे के बाद से ही प्रशासन पर काफी खफा हैं।
घटना स्थल पर पहुंची रिलीफ ट्रेन पर भी लोगों ने हमला कर दिया था। जिससे ट्रेन के शीशे टूट गए थे। रावण दहन देख रहे लोगों पर से तेज रफ्तार डीएमयू ट्रेन कुचलते हुए गुजर गई थी।
इस हादसे में अभी तक 60 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। वहीं 9 शवों की पहचान बाकी है और सात लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों का इलाज अमृतसर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
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ऐसा दर्दनाक हादसा
अमृतसर में जोड़ा फाटक के निकट शुक्रवार शाम को रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरियों पर खड़े लोग ट्रेन की चपेट में आ गए जिसमें कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई थी। जोड़ा फाटक पर जब यह हादसा हुआ उस समय पटरियों से सटे मैदान में ‘रावण दहन' देखने के लिए कम से कम 300 लोग जमा हुए थे।
सिंह घायलों को देखने के लिए शनिवार को अमनदीप अस्पताल, सिविल अस्पताल और गुरुनानक देव अस्पताल गए, जहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों को उन्हें सर्वश्रेष्ठ संभावित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने घटना पर दुख व्यक्त किया। पीड़ितों और उनके परिवारों को अपनी सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग व्यक्त किया। उन्होंने एक अस्पताल में उन दोनों छोटी लड़कियों से भी मुलाकात की जिनका पूरा परिवार हादसे का शिकार हो गया है। हादसे के कारण पूरे देश में शोक है।
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61 लोगों की मौत
यह हादसा शुक्रवार शाम अमृतसर के जोड़ा बाजार में हुआ था। रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोग दो ट्रेनों की चपेट में आ गए थे। हादसे में 61 लोगों की मौत हुई है।
पांच-पांच लाख मुआवजा
अमरिंदर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अलावा सरकार विभिन्न अस्पतालों में भर्ती घायलों के चिकित्सा खर्च भी वहन करेगी।
37 ट्रेनें निरस्त, 16 का बदला रास्ता
हादसे के आलोक में रेलवे ने शनिवार को वहां से गुजरने वाली 37 रेलगाडि़यों को निरस्त कर दिया है जबकि 16 अन्य का मार्ग परिवर्तित कर दिया है । इसके साथ ही जालंधर अमृतसर रेलमार्ग पर आवाजाही रोक दी गई है।
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि 10 मेल/एक्सप्रेस और 27 पैसेंजर रेलगाडि़यों को निरस्त कर दिया गया है । इसके अलावा 16 अन्य गाडियों को दूसरे मार्ग से उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है जबकि 18 ट्रेनों को बीच में ही रोक कर उनकी यात्रा समाप्त कर दी गई।
मंत्री बोले, ड्राइवर की चूक नहीं
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, यह हादसा टाला जा सकता था, क्योंकि रेलवे ट्रैक के करीब इस तरह के आयोजन नहीं होने चाहिए। रेलवे फाटक से कुछ ही दूरी पर यह आयोजन हो रहा था। ट्रैक ऊंचाई पर था, इसलिए लोग वहां चढ़कर रावण दहन देख रहे थे। रावण दहन होते ही पटाखों की आवाज आई। तभी भगदड़ मची और लोग ट्रेनों की आवाज नहीं सुन पाए। ड्राइवर को पहले से निर्देश होते हैं कि कहां हॉर्न बजाना है, कहां पर रफ्तार कम करनी है। हादसे के वक्त शाम का समय था। लगभग 7 बज चुके थे। जहां हादसा हुआ, वहां एक मोड़ है। ड्राइवर कैसे देख पाता कि आगे क्या हो रहा है?
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