World Press Freedom Day 2018: विश्व में 57 फीसदी बढ़ी पत्रकारों की हत्या, भारत में प्रेस की स्वतंत्रता में आई कमी
भारत में इस साल प्रेस की स्वतंत्रता में कमी आई है। लगातार इसकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। वहीं इस वर्ष प्रथम चार महीने के अन्दर 3 पत्रकार की हत्याएं भी हो चुकी है।

भारत में इस साल प्रेस की स्वतंत्रता में कमी आई है। लगातार इसकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। वहीं इस वर्ष प्रथम चार महीने के अन्दर 3 पत्रकार की हत्याएं भी हो चुकी है।
मीडिया वॉचडाग 'द हूट’ ने अपनी रिपोर्ट में जोर देकर कहा है कि पत्रकारों की आवाज को दबाया और कुचला जा रहा है और उसे लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
इस वर्ष जारी सूचकांक के अनुसार भारत 180 देशों की सूची में 138वें स्थान पर था। वर्ष 2017 में 133वें स्थान पर था जो इस वर्ष 5 अंक नीचे खिसक गया।
पत्रकारों का भय का माहौल
विश्व में पत्रकारों के हत्याओं के मामले में 57 फीसदी वृद्धि हुई हैं। इन लगातार हमलों से मीडियाकर्मियों और पत्रकारों में भय का माहौल बनाया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2018 में अब तक 13 पत्रकारों पर हमलें हो चुके हैं। वही 2017 में 46 पत्रकारों पर हमलें हुए थे।
अफगानिस्तान में पत्रकारों पर ज्यादा हमले
यदि विश्व की बात करें तो अफगानिस्तान इस मामलें में सबसे ज्यादा ऊपर हैं। यहां सबसे ज्यादा 11 जर्नलिस्टों की हत्याएं हुई हैं।
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