सर्दी में चादर गैंग की वापसी, लुट जाएगा सबकुछ
सर्दियों में बिहार के मोतिहारी जिले के कुख्यात चादर गिरोह की राजधानी में दस्तक देने की संभावना बढ़ गई है।

अगर आपकी मोबाइल और घड़ी की दुकान या फिर शोरूम है और रात के समय सुरक्षाकर्मी नहीं है, तो अाप सावधान हो जाइए। दुकान के चबूतरे पर महिला या पुरुष रात में सोते नजर आए, तो तत्काल उन्हें हटाएं, नहीं तो आपकी सालों की गाढ़ी कमाई सुबह होने से पहले लुट जाएगी।
अब कभी भी राजधानी में सेंधमारी की वारदात हो सकती है, क्योंकि बिहार के मोतिहारी जिले के कुख्यात चादर गिरोह की राजधानी में दस्तक देने की संभावना बढ़ गई है। इसे लेकर पुलिस बेहद सतर्क हो गई है। सावधान रहने का अलर्ट जारी किया गया है।
दरअसल, राजधानी रायपुर समेत बिलासपुर, अंबिकापुर, रायगढ़ में चोरी की बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका मोतीहारी गैंग बुधवार को नागपुर में मोबाइल शोरूम में 38 लाख रुपए की सेंधमारी कर फरार हो गया। यह गिरोह एक वारदात करने के बाद पड़ोसी जिले में भी वारदात करता है। संभावना है, गिरोह नागपुर के बाद रायपुर की दुकानों को अपना निशाना बना सकता है। ऐसी दशा में पुलिस के साथ दुकान संचालक को भी बेहद सतर्क रहना होगा।
दर्जनभर राज्यों में चादर गिरोह का आतंक
मोतिहारी गिरोह का आंतक सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही नहीं, बल्कि दिल्ली, मुंबई, गुजरात, ओडिशा, कोलकाता, बेगलुरु, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में फैला है। यह गैंग चादर गैंग के रूप में जाना जाता है।
जिस इलाके में गैंग की दस्तक होती है, उस इलाके की बड़ी दुकानें, शोरूम गैंग की नजरों में चढ़ जाता है। दो-तीन दिनों की रेकी के बाद गैंग बड़ी सफाई से चोरी की वारदात को अंजाम देकर दूसरे शहर की ओर कूच कर जाता है। वारदात में चादर का उपयोग करने के कारण ही इसे पुलिस ने चादर गैंग का नाम दिया है।
गिरोह में सरगना समेत 8 शामिल
पुलिस के मुताबिक बिहार के मोतिहारी जिले के सीतामणि, चंपारण ओर घोड़ासहन गांव के लगभग 2 हजार से अधिक शातिर चोर चादर गिरोह में शामिल हैं। एक गैंग में 7 से 8 शातिर चोर शामिल रहते हैं। यह क्षेत्र नेपाल की सीमा से बेहद सटा हुआ है। कई शहरों में बड़ा हाथ मारने के बाद गैंग तत्काल हाथ में आए महंगे उपकरणों, घड़ी, लैपटाप, डिजिटल कैमरा, आईपैड आदि को नेपाल में खपाने में जरा भी देर नहीं करता। यह काम गिरोह के सरगना मिराज का करीबी करता है। हर वारदात में सामान को नेपाल तक पहुंचाने वाला शामिल रहता है और सारा माल समेटकर बस या ट्रेन से नेपाल पहुंचता है। वहां दलाल के जरिए माल बेचने के बाद वापस गैंग नए ठिकाने पर पहुंच जाता है।
इस पैटर्न पर करते हैं सेंधमारी की वारदात
गैंग के सदस्य शोरूम या दुकान के सामने चादर फैलाकर बैठ जाते हैं, जैसे कोई मुसाफिर सुबह होने के इंतजार में बैठा होता है। इसके बाद गैंग के दो-तीन सदस्य दुकान के शटर के सामने चादर तानकर खड़े हो जाते हैं। चादर से पूरी तरह शटर ढंक जाने पर एक आदमी उसकी आड़ में सब्बलनुमा औजार से शटर को लिफ्ट कर पतले-दुबले आदमी को बैग के साथ दुकान के भीतर घुसा देते हैं। चादर की आड़ में यह सब होता है इसलिए आने-जाने वालों को जरा भी शक नहीं होता। गड़बड़ होने की ऐसी स्थिति में चादर को झाड़ने जैसा दिखावा कर आसपास घूमने लगते हैं।
दो घंटे में करते हैं वारदात
पुलिस के मुताबिक गिरोह के सेंधमारी करने का समय रात 3 से सुबह 5 बजे के बीच में होता है। ठंडी के सीजन में इस समय पुलिस और राहगीरों की आवाजाही बेहद कम हो जाती है। कोहरा और अंधेरा होने के कारण उनका चेहरा साफ दिखाई नहीं देता। यही वजह है कि गिरोह इसी दो घंटे में वारदात को अंजाम देता है। यही नहीं, सेंधमारी करने के बाद दुकान या शोरूम में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर भी अपने साथ लेकर फरार हो जाते हैं।
खतरा बढ़ा है
नागपुर में चादर गिरोह ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। इससे राजधानी में आने का खतरा बहुत बढ़ गया है। पुलिस टीम को अलर्ट किआ गया है। साथ ही दुकान और शोरूम संचालकों को भी बेहद सतर्क रहना होगा। (संजय सिंह, प्रभारी, क्राइम ब्रांच रायपुर)
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