अमेरिका के ‘समझ से परे'' आरोपों से द्विपक्षीय विश्वास को झटका लगा है: पाकिस्तान
पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तल्ख टिप्पणी पर एनएससी की बैठक में ‘‘गहरी निराशा'''' जताते हुए कहा कि आरोपों से दोनों देशों के बीच ‘‘विश्वास'''' को तगड़ा झटका लगा है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 3 Jan 2018 4:02 AM GMT
पाकिस्तान ने देश के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तीखी टिप्पणी पर आज ‘‘गहरी निराशा' जतायी और कहा कि आरोपों से दोनों देशों के बीच ‘‘विश्वास' को तगड़ा झटका लगा है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तान पर यह आरोप लगाने के बाद बुलाई गई थी कि अमेरिका द्वारा उसे गत 15 वर्षों में 33 अरब डालर की सहायता दी गई जबकि इसके बदले उसने अमेरिका को ‘झूठ और धोखे' के सिवा कुछ भी नहीं दिया है। ट्रंप ने साथ ही यह भी कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को ‘‘सुरक्षित पनाहगाह' मुहैया करायी।
एनएससी की बैठक में सेना प्रमुख और अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में यह कहा गया कि अमेरिकी नेतृत्व का बयान पूरी तरह से समझ से परे है क्योंकि उसमें तथ्यों का स्पष्ट तौर पर खंडन किया गया है। इससे दोनों देशों के बीच पीढ़ियों से निर्मित विश्वास को तगड़ा झटका लगा है। इससे पाकिस्तान की ओर से दशकों के दौरान किये गए बलिदानों को नकार दिया गया है।
'डान न्यूज' ने बताया कि अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत एजाज अहमद चौधरी को एनएससी की बैठक में बुलाया गया था जिसमें ट्रंप के ताजा हमले पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर चर्चा की गई । इसके साथ ही इस बैठक में देश की समग्र विदेश नीति की समीक्षा भी की गई।
विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक ट्वीट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को चुनौती दी कि अमेरिका ने उसे गत 15 वर्षों में 33 अरब डालर से अधिक की सहायता दी। पाकिस्तान ने कहा कि किसी आडिट कंपनी से सत्यापन कराने से अमेरिकी राष्ट्रपति गलत साबित होंगे। उन्होंने कहा कि ट्रंप 33 अरब डालर की सहायता का सत्यापन कराने के लिए ‘‘हमारे खर्च' पर एक अमेरिकी आडिट कंपनी की सेवा ले सकते हैं जिससे ‘‘विश्व को पता चले कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन धोखा दे रहा है।'
आसिफ ने ट्वीट किया ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने गत 15 वर्षों में पाकिस्तान को 33 अरब डालर देने का उल्लेख किया, वह इस आंकड़े का सत्यापन कराने के लिए हमारे खर्च पर एक अमेरिकी आडिट कंपनी की सेवा ले सकते हैं जिससे की विश्व को पता चल सके कि कौन झूठ बोल रहा है और धोखा दे रहा है....।'
एनएससी बैठक में एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मुख्य रूप से अपने संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए लड़ी है और इससे उसकी अर्थव्यवस्था पर काफी बोझ पड़ा है। उसने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांति के लिए अपनी भूमिका निभाना जारी रखेगा। इसमें यह भी सहमति बनी कि सभी अवांछित आरोपों के बावजूद पाकिस्तान जल्दबाजी में कार्य नहीं कर सकता है और वह अफगान नीत और अफगान के स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया की दिशा में एक सकारात्मक भूमिका निभाना जारी रखेगा। इसके साथ ही वह क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति और सुरक्षा के लिए भूमिका जारी रखेगा।'Pres Trump quoted figure of $33billion given to PAK over last 15yrs,he can hire a US based Audit firm on our expense to verify this figure & let the world know who is lying & deceiving..
— Khawaja M. Asif (@KhawajaMAsif) January 2, 2018
बैठक शुरू होने से कुछ ही समय पहले सेना ने ट्रंप के आरोपों पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को लेकर अपने सुझाव को जनरल मुख्यालय में आयोजित कोर कमांडरों के सम्मेलन में अंतिम रूप दिया था। राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसदीय समिति की एक बैठक भी पांच जनवरी को आहूत की गई है जिसमें अमेरिका के आरोपों पर चर्चा होगी।
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