चीन-अमेरिका ट्रेड वॉर: US ने चीनी वस्तुओं पर दंडात्मक शुल्क लगाना किया शुरू
चीन ने अमेरिका द्वारा टैक्स लगाने के कदम को दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच इतिहास का सबसे बड़ा व्यापार युद्ध करार दिया है।

अमेरिका ने चीनी सामन के आयात पर दंडात्मक शुल्क लगाने की घोषणा को लागू कर दिया है। अमेरिका के इस कदम को चीन ने दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच आर्थिक इतिहास में सबसे बड़ा व्यापार युद्ध करार दिया है।
अमेरिका ने अभी चीन से अपने याहां आने वाले करीब 34 अरब डालर मूल्य के सामान पर शुल्क लगाया है। इसमें चीन में बनी मशीने, इलेक्ट्रानिक्स तथा वाहन, कंप्यूटर तथा हार्ड ड्राइव्स तथा एलईडी समेत कई उच्च प्रौद्योगिकी उत्पाद शामिल हैं।
United States' trade war with China officially begins as the Trump administration slapped tariffs of USD 34 billion on Chinese imports
— ANI Digital (@ani_digital) July 6, 2018
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इनपर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है। चीन ने कहा कि उसकी ओर से भी जवाबी शुल्क लागू कर दिए गए है। हालांकि चीन सरकार की ओर से इन शुल्कों का ब्योरा नहीं दिया दिय गया है। चीन ने पहले कहा था कि वह भी इस मामले में अमेरिका के बराबर की ही कार्रवाई करेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने 450 अरब डालर मूल्य की चीनी वस्तुओं पर कर लगाने की बात कही है। अर्थशास्त्रियों ने आगाह करते हुए जैसे को तैसा वाले रुख से वैश्विक वृद्धि प्रभावित हो सकती है और वैश्विक व्यापार प्रणाली को नुकसान पहुंच सकता है।
दोनों देशों के बीच मसलों को सुलझाने को लेकर महीनों चली बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। शुल्क के प्रभाव में आने से कुछ घंटे पहले ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अरबों डालर के चीनी आयात पर शुल्क लगाने को तैयार है।
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ट्रंप अमेरिका के मामले में चीन के व्यापारिक व्यवहार की बहुत पहले से आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि चीन के अनुकूल व्यवहार नहीं होने के कारण अमेरिका का व्यापार घाटा पिछले 375.2 अरब डालर पहुंच गया।
अमेरिकी अधिकारियों ने चीन पर साइबर चोरी के माध्यम से महत्वपूर्ण अमेरिकी प्रौद्योगिकी चुराने, बौद्धिक संपदा के अंतरण के लिये दबाव तथा राज्य प्रायोजिक कंपनियों के अधिग्रहण कर अर्थव्यवस्था के मामले में विश्व में दबदबा बनाने का आरोप लगाया।
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इस कदम को लेकर अमेरिका को दी गयी चेतावनी के बावजूद ट्रंप का कहना है कि मजबूत अमेरिकी अर्थव्यवस्था मौजूदा लड़ाई में प्रतिद्वंद्वियों से पार पा लेगी।
वहीं चीन का मानना है कि उसकी अर्थव्यवस्था घरेलू मांग पर केंद्रित है और वह निर्यात पर निर्भरता कम होने से उत्पन्न समस्याओं से पार पा लेगा। चीन के केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति के सदस्य मा जून ने शुक्रवार को कहा कि शुल्क को लेकर पहले कदम का चीनी अर्थव्यवस्था पर सीमित प्रभाव पड़ेगा।
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