राफेल डील : दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने दिया बड़ा बयान, कहा कि कोई घोटाला नहीं हुआ
राफेल डील का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दासौ के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI को एक साक्षात्कार में कहा कि वह झूठ नहीं बोलते।

X
टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 13 Nov 2018 11:17 AM GMT
राफेल डील का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दासौ के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI को एक साक्षात्कार में कहा कि वह झूठ नहीं बोलते। वह इतने बड़े पद पर बैठे हैं जहां हर चीज की जवाबदेही है। उस पद पर रह कर झूठ नहीं बोला जा सकता।
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2 नवंबर को दासौ एविएशन को निशाने पर लेते हुए हाल ही में कहा था कि दासौ के CEO एरिक ट्रैपियर रिलायंस को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। रिलायंस से जुड़ी एक कंपनी में दासौ ने 284 करोड़ रुपये का निवेश किया।
उस कंपनी में निवेश किया जो घाटे में जा रही थी। बाद में इसी पैसे का इस्तेमाल नागपुर में जमीन खरीदने के लिए किया गया। इस लिए ऐसा लग रहा है कि दासौ के सीईओ झूठ बोल रहे हैं।
एरिक ट्रैपियर ने अपने इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस की सरकारों के साथ भी उनकी कंपनी ने काम किया है। लेकिन राहुल गांधी का बयान निराश करने वाला है।
एरिक ट्रैपियर कहा कि दासौ 1953 से भारत के साथ व्यापार कर रहा है। उस समय कांग्रेस की सरकार थी। हम किसी पार्टी के लिए नहीं बल्कि भारत के लिए काम करते हैं।
दासौ के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा कि हमने खुद रिलायंस को चुना था। हमारे साथ अन्य 30 पार्टनर भी शामिल थे। भारतीय वायु सेना ने भी इस डील का समर्थन किया था क्योंकि उन्हें देश की सुरक्षा के लिए राफेल विमान की आवश्यक्ता थी।
एक अनुभवहीन कंपनी को चुनने और उसमें पैसा लगाने की बात पर एरिक ने कहा कि दासौ ने पैसा रिलायंस में नहीं बल्कि ज्वाइंट वेंचर में लगाया था। ताकि दासौ के लिए काम करने वाले कर्मचारियों और इंजीनियरों को फायदा मिले। उन्होंने कहा कि इस डील में किसी भी तरह का घोटाला नहीं हुआ है।
विमान रिलायंस नहीं बल्कि दासौ-रिलायंस का ज्वाइंट वेंचर बनाएगा। रिलायंस के पास ज्वाइंट वेंचर में निवेश करने के लिए पैसा था। इस लिए भी उसे चुना गया है। अगर रिलायंस अपने देश को बढ़ाना चाहता है तो हम क्यों उसे रोकें।
ज्वाइंट वेंचर में काम करके रिलांयस विमान बनाना सीखेगी। नियमों के अनुसार देश की कंपनी को 51 प्रतिशत की साझेदारी रखनी है। रिलायंस का ज्वाइंट वेंचर में शेयर 51 प्रतिशत है और दासौ का शेयर 49 प्रतिशत है।
दासौ के सीईओ ने कहा कि मैं जानता हूं कि भारत में इस डील को लेकर काफी विवाद चल रहा है लेकिन यह विवाद सिर्फ आंतरिक राजनीति के लिए है। जो कई और देशों में भी होता है। मैं बस इतना जानता हूं कि यह डील पूरी तरह से साफ सुथरी है और भारतीय वायु सेना भी इससे खुश है।
I know there are some controversies and I know that it is a kind of domestic political fight, with elections it is true in many countries. What is important for me is the truth and the truth is that it is a clean deal and the IAF is happy with this deal:Dassault CEO Eric Trappier pic.twitter.com/73vdB81Lsi
— ANI (@ANI) November 13, 2018
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
- Dassault Dassault CEO Eric Trappier Rahul Gandhi Rahul Congress Reliance BJP Modi Narendra Modi France Rafale Rafale Deal News Inational Rafale Fighter Jet Deal Dassault CEO Eric Trappier Interview Rafale Price Details Rahul Gandhi Hindustan Aeronautics Ltd HAL Reliance Rafale controversy Dassault Rafale NDA Government राफेल लड़ाकू विमान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड दसॉ सुप्र�
Next Story