नाइजीरिया में भूख से मर सकते हैं 80 हजार बच्चे: UNICEF
यहां 400,000 बच्चे भुखमरी के कगार पर हैं।

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haribhoomi.comCreated On: 14 Dec 2016 12:00 AM GMT
संयुक्त राष्ट्र. संयुक्त राष्ट्र की एक बाल एजेंसी ने चेतावनी दी है कि उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया में अगले साल 5 लाख बच्चों की भुखमरी से मौत हो सकती है। वहीं बोको हराम की वजह से पैदा हुए मानवीय संकट के कारण 80,000 बच्चों को अगर इलाज की सुविधा नहीं मिली तो उनकी मौत हो सकती है।
यूनीसेफ ने ट्विटर पेज पर चेतावनी देते हुए कहा कि, बोको हराम से पैदा हुए मानवीय संकट ने 80,0000 बच्चों की मौत हो सकती है। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक एंथनी लेक ने कल कहा, ‘‘अभी का संकट तबाही का रूप ले सकता है।’ यहां 400,000 बच्चे भुखमरी के कगार पर हैं। पिछले सात सालों में उग्रवाद के कारण पीड़ित 26 लाख लोगों का महज छोटा सा हिस्सा है। अभी तक के संघर्ष में 20,000 लोग मारे जा चुके हैं। लेक ने कहा, ‘‘अगर इन्हें वो इलाज नहीं मिला, जिसकी इन्हें जरूरत है तो पांच में से एक बच्चे की मौत हो जाएगी।’ उन्होंने कहा कि बोरनो राज्य के ज्यादातर इलाके दुर्गम हैं, जहां तक मानवीय सहायता नहीं पहुंच पा रही है। हम इन क्षेत्रों में फंसे बच्चों के बारे में बेहद चिंतित हैं।
The violent conflict in northeast #Nigeria has left 400k children severely malnourished and at risk of death https://t.co/7yOFi3nH2m pic.twitter.com/a2ajoLf7eR
— UNICEF (@UNICEF) December 13, 2016
लेक का यह बयान तब आया है जब कुछ दिन पहले ही देश के राष्ट्रपति मोहम्मदू बुहारी ने संयुक्त राष्ट्र संघ और निजी सहायता एजेंसियों पर दान राशि पाने के लिए संकट को बढा-चढ़ा कर पेश करने का आरोप लगाया था। गौरतलब है कि इससे पहले यूनीसेफ ने राजधानी दिल्ली में ‘रिकॉर्ड स्तर पर उच्च’ वायु प्रदूषण दुनिया के लिए ‘खतरे की घंटी’ करार दिया था। यूनीसेफ के मुताबिक यदि वायु प्रदूषण कम करने के लिए निर्णायक कदम नहीं उठाए गए तो भारत की राजधानी में धुंध और इसके नागरिकों के दैनिक जीवन पर पड़ने वाला प्रतिकूल प्रभाव सामान्य बात बन जाएगी।
UNICEF warns 400K children face starvation and 80K will die in northeast Nigeria if they can't get help. https://t.co/1p3YK61nLm
— The Associated Press (@AP) December 14, 2016
यूनीसेफ ने एक बयान में कहा, ‘दिल्ली में बच्चों की दिक्कत हर सांस के साथ बढ़ रही है। दिल्ली वायु प्रदूषण को लेकर विश्व के लिए खतरे की घंटी है। यह उन सभी देशों एवं शहरों के लिए खतरे की घंटी है जहां वायु प्रदूषण के उच्च स्तर के कारण बच्चों की मौत हुई है और वे बीमार हुए हैं।’ बयान में कहा गया कि, ‘यह खतरे की घंटी है जो हमें बहुत स्पष्ट रूप से बता रही है कि यदि वायु प्रदूषण कम करने के लिए निर्णायक कदम नहीं उठाए गए तो दिल्ली में इस तरह की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ सकती हैं।
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