UN ने समलैंगिकों के बीच यौन संबंध को अपराध के दायरे से बाहर रखने के SC के फैसले का स्वागत किया
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने समलैंगिकों के बीच सहमति से यौन संबंध को अपराध ठहराने वाले धारा 377 के एक हिस्से को समाप्त करने के उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने समलैंगिकों के बीच सहमति से यौन संबंध को अपराध ठहराने वाले धारा 377 के एक हिस्से को समाप्त करने के उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया।
Discrimination and prejudice are always "irrational, indefensible and manifestly arbitrary", as Chief Justice Misra says. I welcome today's decision by India's highest court #LoveWins
— António Guterres (@antonioguterres) September 6, 2018
गुतारेस ने ट्वीट किया, ‘‘भेदभाव और पूर्वाग्रह हमेशा ही'तर्कहीन, अनिश्चित और स्पष्ट रूप से मनमाना' है जैसा कि प्रधान न्यायाधीश ने कहा है। मैं भारत के शीर्ष अदालत के इस फैसले का स्वागत करता हूं, प्यार की जीत।'' वहीं यूएनएआईडीएस ने भी इस फैसले का स्वागत किया।
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सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अब भारत में दो वयस्कों के बीच समलैंगिक संबंध बनाना अपराध नहीं है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने गुरुवार को दो वयस्कों के बीच सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली धारा 377 से बाहर कर दिया है।
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