ट्रंप के आलोचकों ने मिसाइल हमले पर उठाए सवाल, कहा- ''सीरिया को इराक बनाने की कोशिश''
सात साल से गृह युद्ध झेल रहे सीरिया पर अपने ही नागरिकों पर रासायनिक हमले का आरोप लगाकर अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर मिसाइल हमला किया।

सात साल से गृह युद्ध झेल रहे सीरिया पर अपने ही नागरिकों पर रासायनिक हमले का आरोप लगाकर अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर मिसाइल हमला किया। अमेरिका ने इस हमले से यह संदेश देने की कोशिश की कि रासायनिक हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
15 साल पहले अमेरिका ने इसी तरह रासायनिक हथियारों का हवाला देकर इराक पर हमला कर वहां के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को पद से हटा दिया गया। हालांकि तबसे अब तक इराक में कभी भी शांति के हालात नहीं बन पाए। अब सीरिया में अब भी लगभग हालात वैसे ही हैं।
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अमेरिका में ट्रंप के आलोचकों ने अब यह सवाल खड़े करना शुरू कर दिए हैं कि असल मेंं ट्रंप का सीरिया में क्या है मिशन।
खुद ट्रंप भी नहीं बता पा रहे स्पष्ट नीति
जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों के बाद भाषण दिया तो देखा गया कि सीरिया को लेकर नीति पर वह भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह कहा कि जब तक सीरियाई सरकार रासायनिक हमले करना बंद नहीं करता तब तक वह इसी तरह जवाब देंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या वे आर्थिक और कूटनीतिक उपायों द्वारा भी सीरिया पर दबाव बनाएंगे या नहीं।
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सीरियाई रेफ्यूजियों के लिए दरवाजे बंद
ऑक्सफैम अमेरिका के नोआ गॉट्सचॉक कहते हैं, ताजा खूनी संघर्ष और युद्ध अपराध हमें यह बता रहे हैं कि सीरियाई लोगों को हमारे समर्थन की सबसे ज्यादा जरूरत है। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने मानवता के आधार पर ये हमले तो किए हैं लेकिन सीरियाई रेफ्यूजियों के लिए यूएस के दरवाजे भी बंद कर दिए हैं।
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