ट्रंप प्रशासन ने H1-B वीजा नियम किए सख्त, भारतीय पेशेवर होंगे प्रभावित
अमेरिकी प्रशासन ने एच1 बी वीजा के नियमों को और कड़ा कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा नई पॉलिसी में किए गए बदलावों का सबसे अधिक असर अमेरिका जाकर काम कर रहे विदेशियों की नौकरियों पर पड़ेगा।

अमेरिकी प्रशासन ने एच1 बी वीजा के नियमों को और कड़ा कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा नई पॉलिसी में किए गए बदलावों का सबसे अधिक असर अमेरिका जाकर काम कर रहे विदेशियों की नौकरियों पर पड़ेगा। इस पॉलिसी में हुए बदलावों से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत के आईटी प्रोफेशनल्स होंगे।
यही नहीं बदले गए नियमों का असर उन कर्मचारियों पर भी होगा जो एक या एक से अधिक क्लाइंट्स के लिए काम कर रहे हैं। पॉलिसी में बदलाव के बाद कंपनियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसके एच1 बी वीजा कर्मचारी थर्ड पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।
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अगर कंपनी को प्रोफेशनल्स की आवश्यकता है और अमेरिका में प्रोफेशनल्स नहीं है तभी कंपनियां एच1 बी कार्यक्रम के तहत प्रोफेशनल्स को अस्थाई यूएस वीजा दे सकेंगीं।
साबित करना होगा कर्मचारी का विशिष्ट काम
भारतीय आईटी कंपनियों और उसके कर्मचारियों पर असर
वीजा तीन साल से कम समय के लिए होगा जारी
गुरुवार को जारी की गई 7 पेजों की इस नई पॉलिसी के बाद यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) कर्मचारी को एच1बी वीजा केवल उतने समय-सीमा के लिए जारी करेगा जितने समय के लिए वह थर्ड पार्टी वर्कसाइट पर नियुक्त रहेंगे।
नई पॉलिसी के तहत अब वीजा तीन साल से कम समय के लिए जारी किया जाएगा। बदली गई पॉलिसी को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा क्योंकि वित्तीय वर्ष 2019 के लिए वीजा के नामांकन की तैयारी 2 अप्रैल से शुरू हो जाएगी।
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