राज्यसभा में तीन तलाक बिल: क्या है ये सेलेक्ट कमिटी और कैसे करती है काम
बिल पर विचार करने के लिए सेलेक्ट कमिटी के पास तीन महीनों का वक्त होता है।

X
अदिती पाण्डेय/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 5 Jan 2018 2:17 PM GMT
संसद का शीतकालीन सत्र आज खत्म होने जा रहा है और तीन तलाक के बिल को राज्यसभा में पास कराने के लिए सरकार के पास आज आखरी दिन है। इससे पहले बुधवार और गुरुवार को तीन तलाक बिल को लेकर राज्यसभा में हंगामा हुआ।
कांग्रेस का कहना है कि इस बिल में खामियां हैं और बिल को पास कराए जाने के पक्ष में नहीं है। राज्यसभा में सरकार को बहुमत न मिल पाने के कारण यह बिल अटका हुआ है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने बिल को सेलेक्ट कमिटी को भेजने की मांग की है। आइए जानते हैं क्यो होती है सेलेक्ट कमिटी और कैसे काम करती है।
क्या होती है सेलेक्ट कमेटी
सेलेक्ट कमिटी दरअसल सदन के सदस्यों की एक छोटी टीम है। इसको सदन के सदस्यों की मांग पर गठित किया जाता है। जब सदन में कोई बिल अटक जाता है तो सदन का कोई भी सदस्य मामला सेलेक्ट कमिटी को भेजने की मांग कर सकता है। राज्यसभा के नियम 125 के मुताबिक अगर इस मांग को मान लिया जाता है तो मामला कमिटी को भेज दिया जाता है। कमिटी में शामिल लोग इस बिल पर अंतिम परिणाम के बारे में सोच-विचार करते हैं। कमिटी के पास अंतिम परिणाम देने के लिए डेडलाइन होती है और अगर तय समय सीमा तक कोई नतीजा नहीं आता है तो बिल को दोबारा पारित करना होता है।
कमिटी के पास होते हैं तीन महीने
बिल पर विचार करने के लिए सेलेक्ट कमिटी के पास तीन महीनों का वक्त होता है। हालांकि डेडलाइन बढ़ाई भी जा सकती है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Next Story