पाकिस्तान सरकार के खिलाफ पश्तूनों ने निकाली विशाल रैली, लगे आजादी और अधिकार के नारे
पाकिस्तान में एक बार फिर पश्तून समुदाय के लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। पाकिस्तान के पेशावर इलाके में करीब 1 लाख से ज्यादा लोगों ने पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ विशाल रैली भी निकाली है।

पाकिस्तान में एक बार फिर पश्तून समुदाय के लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। पाकिस्तान के पेशावर इलाके में करीब 1 लाख से ज्यादा लोगों ने पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ विशाल रैली भी निकाली है।
संघ प्रशासित जनजातीय इलाके (फाटा) ने पाकिस्तान में चल रहे है युद्ध अपराध को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में ध्यान देने की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ फाटा के हजारों लोग पिश्ताखरा चौक पर जमा होकर सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए कहा है कि यह किस तरह की आजादी है।
पाकिस्तानी अखबार (डॉन) के मुताबिक, सरकार के खिलाफ इस विशाल रैली में लापता लोगों के परिजन भी शामिल है और परिजनों ने अपने लापता लोगों की तस्वीरें भी थी।
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इस रैली को पीटीएम के नेता मंजूर पश्तीन संबोधित करते हुए कहा है कि हम सिर्फ गलत काम करने वालों के खिलाफ है, हम देश के एजेंट है। उन्होंने आगे कहा है कि लापता लोगों क्या हुआ उसका कुछ नहीं पता है। मां और बुजुर्गों जिनके अपने खोए हैं उन्हें मजबूर नहीं किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार इस रैली में लापता लोगों के परिवार वाले भी शामिल है और सोशल मीडिया पर भारी संख्या में लोग पाकिस्तान की सड़कों पर उतरे और स्थानीय लोगों को सरकार के काले कार्य के बारे में भी बताया।
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान मीडिया पर बड़ा आरोप लगा है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है और वहां की मीडिया ने इस प्रदर्शन को नजरअंदाज कर दिया था।
#Pakistan: Massive protest rally by over 1 lakh Pashtuns held in Peshawar, yesterday, against Pakistani govt. The protesters raised 'aazadi' slogans & demanded international community to intervene in war crimes being committed in Federally Administered Tribal Areas (FATA). pic.twitter.com/HU07YjZpUW
— ANI (@ANI) April 9, 2018
पश्तूनों ने सरकार से मांग की है कि संघ प्रशासित कबायली इलाके में कर्फ्यू हटा देना चाहिए है। वहां पर स्कूल, कॉलेज और अस्पाताल खुलने चाहिए क्योंकि उस इलाके के लोगों का जीवन अस्त वयस्त हो चुका है।
वहीं प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि पाकिस्तान उनके समुदाय के मानवअधिकारों का उल्लंघन कर रहा है और उन्हें आजादी चाहिए।
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बता दें कि पश्तून विरोध प्रदर्शन के नेता मंजूर पश्तीन 26 साल के है, जो कि जनजातीय इलाके के वेटनरी छात्र है। उनको पेशावर गांधी के रूप में देखा जा रहा है। मंजूर पश्तीन ने कहा है कि हम हिंसा में यकीन नहीं करते हैं, न तो हम आक्रामक भाषा का इस्तेमाल करते हैं और न ही हिंसा का हमारा इरादा है।
उन्होंने आगे कहा है कि अब यह सरकार पर है कि वह हमें अपने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के हक का इस्तेमाल करने देती है या हमारे खिलाफ हिंसक तरीका अपनाती है।
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पश्तीन दक्षिण वजीरिस्तान से हैं, जो पश्तून बहुल संघ प्रशासित जनजातीय इलाके (फाटा) का अभिन्न हिस्सा भी है। पीटीएम चंद दिनों पहले तब खबर में आया था, जब जनजातीय इलाके के हजारों लोगों का नेतृत्व करते हुए कराची का एक युवा पश्तून की सिंध पुलिस द्वारा हत्या का विरोध करते हुए वे इस्लामाबाद पहुंच गए था।
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