तेलंगाना: TRS ने जारी की 105 उम्मीदवारों की सूची, KCR ने राहुल गांधी को बताया मसखरा
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव द्वारा विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की गई थी, जिसे राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने स्वीकार कर लिया। राज्यपाल से मुलाकात के बाद केसीआर ने प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए 105 उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने गुरुवार को मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई जिसमें राज्य विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की गई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री केसीआर ने राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन से मुलाकात कर विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव सौंपा जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
ज्ञात हो कि अभी 8 महीने का उनका कार्यकाल बाकी है। ऐसे में उन्होंने अपने इस दांव के जरिए विपक्ष की रणनीति पर पानी फेर दिया है। पार्टी को मई 2014 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में राज्य में जीत मिली थी। उसने 119 सदस्यीय विधानसभा में 63 सीटों पर जीत हासिल की थी।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद केसीआर ने प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए 105 उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी।
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राहुल को बताया मसखरा
कैंडिडेट्स की सूची जारी करने के साथ ही के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर हमला भी बोल दिया है। केसीआर ने कहा कि राहुल गांधी देश के सबसे बड़े मसखरे हैं, वह जितना तेलंगाना आएंगे टीआरएस उतनी ज्यादा सीटें जीतेगी।
6 के आंकड़े पर है विश्वासगौरतलब है कि करीब 15 दिनों से विधानसभा भंग करने और जल्दी चुनाव कराए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। ज्योतिष में खासा विश्वास रखने वाले मुख्यमंत्री 6 अंक को बेहद शुभ मानते हैं, इसलिए उन्होंने इस अहम फैसले के लिए 6 सितंबर के दिन को चुना है। बैठक भी ज्योतिष के आधार पर आज उन्होंने बैठक बुलाई थी।
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चार राज्यों के साथ चाहते हैं चुनाव
तेलंगाना विधानसभा का चुनाव अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ निर्धारित है, लेकिन मुख्यमंत्री राव चाहते हैं कि इस साल के अंत में 4 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ ही इस राज्य के चुनाव करा लिए जाएं। साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छ्त्तीसगढ़ और मिजोरम में एक साथ विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) दोनों चुनाव अलग-अलग कराए जाने में राजनीतिक लाभ देख रही है।
चार माह में होंगे दो चुनाव
ज्ञात हो कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने कभी 'एक राष्ट्र एक चुनाव' का समर्थन किया था, लेकिन राजनीतिक हित के चक्कर में मुख्यमंत्री राव महज 4 महीने के अंदर राज्य को 2 बार चुनाव में धकेलना चाहते हैं।
राव ने खुद की कब्र खोदी - कांग्रेस
इस बीच, तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी ने केसीआर के फैसले की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि केसीआर ने विधानसभा भंग करके अपनी कब्र खोदी है. वह मोदी के एजेंट हैं। हम चुनाव के लिए तैयार हैं।
भाजपा के साथ जाने की सवाल ही नहीं
भाजपा के साथ गठबंधन के सवाल पर केसीआर ने कहा, 'टीआएएस 100 पर्सेंट सेक्युलर पार्टी है। हम बीजेपी से हाथ कैसे मिला सकते हैं?' उन्होंने आगे कहा, 'राहुल गांधी को कांग्रेस की दिल्ली सल्तनत विरासत में मिली है। वह उसके कानूनी उत्तराधिकारी हैं। यही कारण है कि मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे दिल्ली और कांग्रेस के गुलाम न बनें। तेलंगाना का निर्णय तेलंगाना में होना चाहिए।'
कांग्रेस-टीडीपी करेंगी गठबंधन?
दूसरी ओर सूत्रों के अनुसार, यह खबर भी सामने आ रही है कि कांग्रेस और टीडीपी मिलकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में एकसाथ उतर सकती है। इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के बीच चुनावी प्रक्रिया को लेकर आपसी समझ बन चुकी है।
चंद्रबाबू का अभी भी है जलवा
भले ही आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद चंद्रबाबू नायडू हैदराबाद से शिफ्ट हो गए हों लेकिन तेलंगाना के कई विधानसभा क्षेत्रों खासकर ग्रेटर हैदराबाद में टीडीपी की पकड़ अभी भी मजबूत है। 2014 चुनावों में टीडीपी-बीजेपी के गठबंधन ने 24 विधानसभा सीटों में से 14 सीटें जीती थीं।
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