आतंकवाद का गढ़ है पाकिस्तान : अमेरिकी विदेश मंत्री
सुषमा ने कहा हम पाकिस्तान से शांतिपूर्ण बातचीत करना चाहते हैं।

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haribhoomi.comCreated On: 30 Aug 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. भारत आए अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी इस समय दौरे पर हैं। दिल्ली में आज अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच दूसरी सामरिक और वाणिज्यिक वार्ता हुई। जॉन कैरी ने कहा कि वो भारत में नवीकरण ऊर्जा के लक्ष्य को पूरा करने के लिए नई तकनीक लेकर आएंगे। इस वार्ता के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अमेरिका से अपील की है कि वो अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा संधि से जुड़े।
Its well known that LeT & Haqqani network have operated from Pakistan: US Secretary of State pic.twitter.com/QpJenRxU6w
— ANI (@ANI_news) August 30, 2016
जॉन ने कहा कि हम साइबर फ्रेमवर्क बनाने की फाइनल स्टेज पर हैं। ताकि साइबर सुरक्षा के बढ़ते खतरे से निजात मिल सके। इस मौके पर अमेरिका के वाणिज्य मंत्री पेन्नी पिट्जकर के साथ भारतीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारामन भी मौजूद रहीं। तो वही सुषमा स्वराज और केरी ने मुलाकात के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद पर दोहरा मानदंड नहीं हो सकते। अमेरिका ने भारत की चिंताओं पर सहमति जताई। पाकिस्तान की ओर से सीमा पर घुसपैठ की जानकारी जॉन कैरी को दी गई। मैंने उन्हें बताया कि आज के समय में आतंकवाद सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है।
जॉन केरी ने कहा कि अमेरिका भारत में नई तकनीक लाने पर कार्य कर रहा है, जिसकी मदद से भारत अपनी ऊर्जा की जरूरत को पूरा कर सके। सुषमा स्वराज ने अमेरिका से अपील की कि वह अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में एक सक्रिय सदस्य के तौर पर शामिल हो। भारत और अमेरिका ने मंगलवार सुबह रणनीतिक व वाणिज्यिक वार्ता के आर्थिक चरण की शुरुआत की।
There is no rift caused by us when it comes to Pak, we have been of view that we want peaceful talks: EAM pic.twitter.com/upbAX2GctV
— ANI (@ANI_news) August 30, 2016
वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने अमेरिका इंक को 'मेक इन इंडिया' पहल में शामिल करने के लिए कहा। सीतारमण ने पहले सह-अध्यक्ष और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रिजकर से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की अध्यक्षता की। टाटा संस के अध्यक्ष सायरस मिस्त्री और हनीवेल के अध्यक्ष दवे कोटे ने सह-मेजबानी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2015 में भारत, अमेरिका संबंधों को रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के जरिए बढ़ाने का फैसला किया था।
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