SC ने शहाबुद्दीन की जमानत याचिका की रद्द, किया सरेंडर
अदालत के इस फैसले के साथ ही शहाबुद्दीन ने सीवान सीजीएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया है।

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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के बाहुबली नेता और राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत याचिका रद्द कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन से समर्पण करने के लिए कहा है। अदालत के इस फैसले के साथ ही अब शहाबुद्दीन ने अपने आप को सीवान सीजीएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। सीवान पुलिस अब किसी भी समय शहाबुद्दीन को गिरफ्तार कर सकती है। गुरुवार को सुनवाई के बाद जस्टिस पीसी घोष अमिताव रॉय की बेंच ने ये फैसला सुरक्षित रखा लिया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को कड़ी फटकार भी लगाई थी।
#WATCH: Mohd Shahabuddin says his supporters will reply to Nitish Kumar in the next elections. pic.twitter.com/F9PGYYs83s
— ANI (@ANI_news) September 30, 2016
कोर्ट ने बिहार सरकार से शहाबुद्दीन को वापस जेल भेजने को कहा
कोर्ट ने बिहार सरकार से शहाबुद्दीन को वापस जेल भेजने के लिए जरूरी कदम उठाने का भी आदेश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने निचली अदालत से राजीव रोशन हत्या मामले में तेज सुनवाई करने के लिए भी कहा है। राजीव रोशन हत्या मामले में आरोपी शहाबुद्दीन को पटना हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। उनकी जमानत के खिलाफ राजीव के पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद (चंदा बाबू) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। उनकी अपील के बाद बिहार सरकार ने सर्वोच्च अदालत से शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की अपील की थी।
Mohd Shahabuddin surrenders before Siwan District Court in Bihar pic.twitter.com/Mndf3F91VA
— ANI (@ANI_news) September 30, 2016
बिहार सरकार को जमकर लताड़ लगाई
जमानत रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने नीतीश कुमार की अगुवाई वाली बिहार सरकार को जमकर लताड़ लगाई थी। न्यायालय के सख्त रुख का सामना कर रही बिहार सरकार से सवाल किया था कि राजीव रोशन हत्याकांड के 17 महीने बाद भी शहाबुद्दीन को आरोप-पत्र की प्रति क्यों नहीं मुहैया कराई गई।
शहाबुद्दीन पर 40 से अधिका आपराधिक मामले दर्ज
सुप्रीम कोर्ट ने 19 सितंबर को शहाबुद्दीन को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। गुरुवार को जस्टिस पीसी घोष और अमितावा रॉय की खंडपीठ ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शहाबुद्दीन पर 40 से अधिका आपराधिक मामले दर्ज हैं। हत्या के एक मामले में निचली अदालत ने शहाबुद्दीन को उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी। जिसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेने के लिए बिहार सरकार को फटकार भी लगाई थी।
वकील प्रशांत भूषण ने कहा-
SC said Rajeev Roshan case trial needs to be expedited and Mohammad Shahabuddin has to be sent back to jail: Prashant Bhushan pic.twitter.com/HaUoWD9vkG
— ANI (@ANI_news) September 30, 2016
सुनवाई की जानकारी देते हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि दोनों (पीड़ित के पिता चंदा बाबू और बिहार सरकार की अपील) बेल खारिज करने की याचिका को कोर्ट ने आज अनुमति दे दी है। कोर्ट ने बिहार सरकार से कहा है कि शहाबुद्दीन को जेल में डाले और राजीव रौशन केस पर ट्रायल करे और जल्दी करे।
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के वकील को कड़ी फटकार लगाई
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के वकील को कड़ी फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कराने के लिए अब इतना उतावलापन क्यों दिखाया जा रहा है। जस्टिस पी सी घोष और जस्टिस अमित्व रॉय की खंडपीठ ने यह भी पूछा कि जब पटना हाईकोर्ट में मामला था तब आप कहां थे? जज ने टिप्पणी की कि अभी वो बेल पर स्टे ऑर्डर नहीं दे सकते। चंद्रकेश्वर प्रसाद की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे वकील प्रशांत भूषण ने भी जब कोर्ट से अनुरोध किया था कि शहाबुद्दीन के बेल पर तुरंत रोक लगे। इसपर तब कोर्ट ने कहा था, 'हमलोगों ने केस के तथ्यों को देखा है और अभी इस पर हम कोई स्थगनादेश नहीं दे सकते।'
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान फिर किया सवाल
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान फिर सवाल किया कि राजीव रोशन हत्याकांड के 17 महीने बाद भी शहाबुद्दीन को आरोप-पत्र की प्रति क्यों नहीं मुहैया कराई गई। राजीव अपने दो छोटे भाइयों की हत्या का चश्मदीद गवाह था, जिसकी हत्या अदालत में उसकी गवाही से कुछ ही दिनों पहले कर दी गई थी।
तीन हत्याओं के दो अलग-अलग मामलों में आरोपी
आपको बता दें, 16 अगस्त 2004 को सीवान के गोशाला रोड में रहने वाले कारोबारी चंद्रकेश्वर प्रसाद (चंदा बाबू) के दो बेटों सतीश और गिरीश का अपहरण हुआ था। सतीश और गिरीश के बड़े भाई राजीव रोशन ने गवाही दी कि शहाबुद्दीन की मौजूदगी में उसके दोनों भाइयों को तेजाब से नहलाकर मार डाला गया था। हाईकोर्ट के आदेश पर शहाबुद्दीन के खिलाफ मामले की सुनवाई शुरू हुई। इसी बीच, 16 जून 2014 को अहम गवाह राजीव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसमें शहाबुद्दीन के साथ उनका बेटा ओसामा भी आरोपी है।
दोहरे हत्याकांड में पहले ही मिल गई थी जमानत
शहाबुद्दीन नवंबर 2005 से जेल में बंद थे। उन्हें दोहरे हत्याकांड (तेजाब कांड) में हाईकोर्ट से फरवरी में ही जमानत मिल गई थी। सीवान की कोर्ट ने राजीव रोशन की हत्या के मामले में शहाबुद्दीन को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। शहाबुद्दीन ने इसे चैलेंज करते हुए पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की। बचाव पक्ष ने कहा कि शहाबुद्दीन पर हत्या का सीधा आरोप नहीं है। जब राजीव रोशन की हत्या हुई, पूर्व सांसद जेल में थे। उन पर हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है। इसके बाद हाईकोर्ट ने शहाबुद्दीन को जमानत दे दी थी।
चंदा बाबू की आंखों से आंसू
Family of victims of Mohd Shahabuddin express their happiness & gratitude, break down as they hear of Shahabuddin's bail cancellation pic.twitter.com/iMII83FFsJ
— ANI (@ANI_news) September 30, 2016
फैसला आने के बाद चंदा बाबू की आंखों से आंसू झलक आए और उन्होंने कहा कि मीडिया के कारण ऐसा हो सका। यदि मीडिया ने इस मुद्दे को नहीं उठाया होता तो शायद सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला नहीं आता। उन्होंने कहा कि कई पार्टियों ने उनका साथ दिया। मैं उनका धन्यवाद देना चाहता हूं। बिहार सरकार का भी सहयोग मिला।
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