सुप्रीम कोर्ट ने ''तीन तलाक'' पर केंद्र सरकार को थमाया नोटिस
इशरत की याचिका पर भी इनके साथ ही छह सितम्बर को सुनवाई होगी।

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नई दिल्ली. मुस्लिमों में तीन तलाक की प्रथा पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने बहुविवाह और निकाह हलाला की संवैधानिक वैधता पर भी इनका पक्ष पूछा है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इशरत जहां नाम की महिला की याचिका पर यह नोटिस जारी किया। निकाह हलाला किसी महिला की किसी अन्य व्यक्ति से शादी से जुड़ी प्रथा है जिसमें पुरूष एक महिला को तलाक दे देता है ताकि महिला का पिछला पति उससे फिर शादी कर सके।
छह सितंबर को सुनवाई
अपने पति द्वारा दुबई से फोन पर तीन बार तलाक बोलने के कारण तलाकशुदा हुईं 26 साल की मुस्लिम महिला, जो कोलकाता की रहने वाली है, की अर्जी पर विचार करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय एवं अन्य को नोटिस भेजा। अदालत ने वकील वी के बैजू के जरिए दाखिल इस अर्जी को उन याचिकाओं के साथ जोड़ दिया जिन पर छह सितंबर को सुनवाई होने वाली है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ
याचिकाकर्ता इशरत जहां ने न्यायालय से यह घोषित करने की मांग की है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एप्लीकेशन एक्ट-1937 की धारा-2 असंवैधानिक है क्योंकि यह अनुच्छेद-14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद-15 (भेदभाव के खिलाफ अधिकार), अनुच्छेद-21 (जीवन का अधिकार) और अनुच्छेद-25 (धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन है। आपको बता दें 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान व्यापक बहस का समर्थन किया था।
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