UNESCO को बड़ा झटका, इजरायल विरोधी रूख पर अमेरिका ने छोड़ी सदस्यता
पेरिस में स्थित यूनेस्को ने 1946 में काम करना शुरू किया था।

अमेरिका ने यूनेस्को को बड़ा झटका दिया है। अमेरिका ने यूएन की सांकृतिक संस्था यूनेस्को पर इजरायल विरोधी रूख अपनाने के गम्भीर आरोप लगाए हैं। इसको लेकर अमेरिका ने खुद को बाहर किये जाने की बात को सार्वजनिक कर खुलासा कर दिया है।
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पेरिस में स्थित यूनेस्को ने 1946 में काम करना शुरू किया था और यह विश्व धरोहर स्थल को नामित करने को लेकर मुख्य रूप से जाना जाता है। यूनेस्को से बाहर होने का अमेरिका का फैसला 31 दिसंबर 2018 से प्रभावी होगा। हालांकि तब तक अमेरिका यूनेस्को का एक पूर्णकालिक सदस्य बना रहेगा।
अमेरिका ने यूनेस्को पर लगाया इजरायल का विरोध करने का आरोप
अमेरिका के विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नाउर्ट ने कहा कि यह फैसला यूं ही नहीं लिया गया है बल्कि यह यूनेस्को पर बढ़ती बकाया रकम की चिंता और यूनेस्को में इजरायल के खिलाफ बढ़ते पूर्वाग्रह को उजागर करता है।
संस्था में मूलभूत बदलाव करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विदेश विभाग ने यूनेस्को महानिदेशक इरीना बोकोवा को संस्था से अमेरिका के बाहर होने के फैसले की सूचना दी और यूनेस्को में एक स्थायी पर्यवेक्षक मिशन स्थापित करने की मांग की भी है।
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बता दें कि प्रवक्ता ने ये भी कह है कि अमेरिका ने महानिदेशक को गैर सदस्य पर्यवेक्षक के तौर पर यूनेस्को के साथ जुड़े रहने की अपनी इच्छा जाहिर की है।
ताकि संगठन द्वारा उठाए जाने वाले कुछ अहम मुद्दों पर अमेरिकी विचार, परिप्रेक्ष्य और विशेषज्ञता में योगदान दिया जा सके। इन मुद्दों में विश्व धरोहर की सुरक्षा, प्रेस की स्वतंत्रता की हिमायत करना और वैज्ञानिक सहयोग एवं शिक्षा को बढ़ावा देना भी शामिल है।
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