भारत में 600 से 1000 रुपये में बिक रही है नींद
सोशल मीडिया ने लोगों का ज्यादा थका दिया है।

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haribhoomi.comCreated On: 27 Aug 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. भारत में बढ़ते कामकाज और कई घरेलू कारणों से लोग अपनी नींद खोते जा रहे है। बता दें कि इसी के चलते भारत में नींद लाने के कारोबार का जन्म हुआ। भारत में पिछले तीन सालों से 300 से भी ज्यादा नींद लैबोरेटरी स्थापित की गई है। यह संस्थान लोगों को बेहतर नींद देने में मदद करते है।
नींद न आने के कारण
तकनीक पर आधारित समाज में लोग बिल्कुल व्यस्त हो चुके है। ज्यादातर बड़ें शहरों में लोग अपनी नींद से वंचित हो चुके है। बता दें कि कामकाजी यात्रा, लम्बे समय तक काम करना और सोशल मीडिया जैसी चीजों ने इंसान को बिल्कुल निचोड़ डाला है। मुंबई स्थित ठाणे के अंतर्राष्ट्रीय नींद विज्ञान संस्थान की रिसर्च कोऑर्डिनेटर नौशफरीन ईरानी का कहना है कि ज्यादातर मामले मुबई के अलावा नाशिक, पुणे और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों से आ रहे है।
ये लोग है ज्यादा परेशान
एनबीटी की खबर के मुताबिक, निवेश बैकंर्स, आईटी प्रोफेशनल, होम मेकर के साथ-साथ कॉलेज छात्र भी इस समस्या से झूझ रहे है। गौरतलब है कि सोशल मीडिया के तेजी से बढ़ते विकास ने इनकी मुश्किलें ज्यादा बढ़ाई है।
नींद के धंधे का हो रहा है प्रसार
देश के छोटें-छोटें शहरो में भी यह कारोबार अपने पैर पसार रहा है। जानकारी के मुताबिक, 10 साल पहले जयपुर में रुद्राक्ष स्नोर एंड स्लीप सेंटर खोला गया था। लेकिन देखते ही देखते यह व्यापार बढ़ता ही गया। रुद्राक्ष सेंटर के मालिक रजनीश शर्मा का कहना है कि हफ्ते में 4 से 5 लोग हमेशा आते है जिनमें अजमेर और जोधपुर के मरीज भी शामिल है।
इतनी होती है कमाई
हाइपरटेंशन, डिप्रेशन, मोटापा, जैसी गंभीर बिमारी नींद न आने की वजह से पैदा हो रही है। डॉक्टरों का यह भी मानना है कि इससे लाइफ और प्रजनन की क्षमता में भी कमी आती है। अगर बात करें इसमें आने वाले खर्च की तो 600 से 1000 रुपये में आप आराम की नींद पा सकते हैं। वहीं, आपको इसके अलावा थेरेपी का अलग से चार्ज करना होगा।
नींद न आने के कारण
तकनीक पर आधारित समाज में लोग बिल्कुल व्यस्त हो चुके है। ज्यादातर बड़ें शहरों में लोग अपनी नींद से वंचित हो चुके है। बता दें कि कामकाजी यात्रा, लम्बे समय तक काम करना और सोशल मीडिया जैसी चीजों ने इंसान को बिल्कुल निचोड़ डाला है। मुंबई स्थित ठाणे के अंतर्राष्ट्रीय नींद विज्ञान संस्थान की रिसर्च कोऑर्डिनेटर नौशफरीन ईरानी का कहना है कि ज्यादातर मामले मुबई के अलावा नाशिक, पुणे और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों से आ रहे है।
ये लोग है ज्यादा परेशान
एनबीटी की खबर के मुताबिक, निवेश बैकंर्स, आईटी प्रोफेशनल, होम मेकर के साथ-साथ कॉलेज छात्र भी इस समस्या से झूझ रहे है। गौरतलब है कि सोशल मीडिया के तेजी से बढ़ते विकास ने इनकी मुश्किलें ज्यादा बढ़ाई है।
नींद के धंधे का हो रहा है प्रसार
देश के छोटें-छोटें शहरो में भी यह कारोबार अपने पैर पसार रहा है। जानकारी के मुताबिक, 10 साल पहले जयपुर में रुद्राक्ष स्नोर एंड स्लीप सेंटर खोला गया था। लेकिन देखते ही देखते यह व्यापार बढ़ता ही गया। रुद्राक्ष सेंटर के मालिक रजनीश शर्मा का कहना है कि हफ्ते में 4 से 5 लोग हमेशा आते है जिनमें अजमेर और जोधपुर के मरीज भी शामिल है।
इतनी होती है कमाई
हाइपरटेंशन, डिप्रेशन, मोटापा, जैसी गंभीर बिमारी नींद न आने की वजह से पैदा हो रही है। डॉक्टरों का यह भी मानना है कि इससे लाइफ और प्रजनन की क्षमता में भी कमी आती है। अगर बात करें इसमें आने वाले खर्च की तो 600 से 1000 रुपये में आप आराम की नींद पा सकते हैं। वहीं, आपको इसके अलावा थेरेपी का अलग से चार्ज करना होगा।
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