SCO Summit 2018: ये हैं पीएम मोदी की एससीओ समिट की 7 बड़ी बातें, जो भारत-चीन विवादों को करेगी कम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन में 18वें शंघाई सहयोग सगंठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने एससीओ सदस्य देशों को संबोधित करते हुए कहा कि पड़ोसियों के साथ कनेक्टिविटी पर भारत का जोर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन में 18वें शंघाई सहयोग सगंठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। संबोधन को दौरान उन्होंने एससीओ सदस्य देशों को संबोधित करते हुए कहा कि पड़ोसियों के साथ कनेक्टिविटी पर भारत का जोर है। लेकिन यहीं नहीं पीएम मोदी ने पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टिविटी पर ज्यादा जोर दिया।
ये हैं पीएम मोद की एससीओ समिट की 10 बड़ी बातें
1. एससीओ समिट में पीएम मोदी ने कहा कि सुरक्षा के लिए 6 कदम उठाने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए पीएम मोदी ने एक नया मंत्र भी दिया। जिसे उन्होंने SECURE नाम दिया।
#WATCH Live from China: PM Modi &other leaders at the signing ceremony of #SCO summit https://t.co/xBUEVBOFZ2
— ANI (@ANI) June 10, 2018
2. पीएम मोदी ने एससीओ में कहा कि फिजिकल और डिजिटल कनेक्टिविटी ने भूगोल की परिभाषा को बदल रहा है। इसलिए अपने पड़ोसी और एससीओ क्षेत्र के देशों से संपर्क हमारी पहली प्राथमिकता है।
3. पीएम ने अपने भाषण के दौरान कहा कि भारत में एससीओ देशों से केवल 6 प्रतिशत ही विदेशी पर्यटक आते हैं। इस रिकॉर्ड को दोगुना किया जा सकता है। इसके लिए हमे अपनी संस्कृतियों के बारे में जागरूकता बढ़ानी होगी।
4. भारत चीन के बीच कई विवादों को छोड़ पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बाढ़ के आंकड़े उपलब्ध कराने और चावल के निर्यात के नियम सरल बनाने को लेकर डील हुई है।
5. इस दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपित गनी ने शांति की तरफ जो कदम उठाए हैं, उनका क्षेत्र में सभी को सम्मान करना चाहिए।
6. भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई। जिससे भारत-चीन मित्रता में नई शक्ति प्रदान होगी। वहीं चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने मोदी के साथ वुहान में सफल औपचारिक बैठक को याद किया।
7. बता दें कि भारत पिछले साल 2017 में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का पूर्ण सदस्य बना था। इस लिस्ट में भारत के अलावा चीन, रूस, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देश शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ अफगानिस्तान, मंगोलिया, इरान और बेलारूस पर्यवेक्षक अभी ऑब्जर्वर की लिस्ट में शामिल हैं।
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