RBI ने तय की ब्याज दरें
एसएलआर यानी की लिक्विडिटी रेशियो को 20.5 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, एसएलआर की दरें तय कर ली हैं। आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है इसे 6.25 प्रतिशत रखा है, वहीं रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं किए गए हैं और इसे 6 प्रतिशत रखा गया है।
#FLASH RBI keeps repo rate unchanged at 6.25 per cent, reverse repo rate unchanged at 6 percent
— ANI (@ANI_news) June 7, 2017
एस एल आर अर्थात सांविधिक चलनिधि अनुपात दर से अर्थव्यवस्था में धन की संचार को अच्छे से नियंत्रित किया जा सकता है ।
क्या होता है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट-
रेपो रेट कम होने से बैंकों के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज लेना सस्ता हो जाता है और इसलिए बैंक ब्याज दरों में कमी करते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा रकम कर्ज के तौर पर दी जा सके। रीपो दर में बढ़ोतरी का सीधा मतलब यह होता है कि बैंकों के लिए रिजर्व बैंक से रात भर के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा। साफ है कि बैंक दूसरों को कर्ज देने के लिए जो ब्याज दर तय करते हैं, वह भी उन्हें बढ़ाना होगा।
नाम के ही मुताबिक रिवर्स रेपो दर ऊपर बताए गए रेपो दर से उलटा होता है। बैंकों के पास दिन भर के कामकाज के बाद बहुत बार एक बड़ी रकम शेष बच जाती है। बैंक वह रकम अपने पास रखने के बजाय रिजर्व बैंक में रख सकते हैं, जिस पर उन्हें रिजर्व बैंक से ब्याज भी मिलता है। जिस दर पर यह ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो दर कहते हैं।
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