इराक में मारे गए 39 लोगों के परिजनों ने लगाए विदेश मंत्री पर गंभीर आरोप, की DNA रिपोर्ट देखने की मांग
इराक के मोसुल में मारे गए 39 लोगो के परिवार वालो ने सरकार से उनके घरवालो की डीएनए रिपोर्ट को सांझा करने की मांग की है। गौरतलब है कि कल ही यानि मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में ऐलान किया था कि पूरे सबूत मिलने के बाद मैं कह सकती हूं कि सभी 39 लोगों की मौत हो चुकी है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 21 March 2018 10:05 AM GMT Last Updated On: 21 March 2018 10:05 AM GMT
इराक में मारे गए 39 भारतीयों के परिवारो वालो ने अब मीडिया के सामने बयान जारी कर सरकार के सामने DNA रिपोर्ट सांझा करने की मांग रखी है। इसी मसले पर मोसुल में मारे गए 39 लोगो में एक सगनानदल के भाई मलकीत राम ने बयान जारी कर कहा है कि मेरा भाई 2012 में इराक गया था।
जहां पर वह एक कारपेंटर के तौर पर नौकरी करता था। मलकीत राम ने विदेश मंत्रालय से मांग की है कि सरकार की तरफ से कल विदेश मंत्री ने बयान जारी कर कहा था कि सभी 39 लोगो की मौत हो गई है। लेकिन सरकार मेरे भाई की मौत का कोई भी सबूत देने के लिए तैयार नहीं है। मेरी सरकार से मांग है कि सरकार DNA रिपोर्ट को हमारे साध सांझा करे।
My brother went to Iraq in 2012 where he worked as a carpenter. We had been asking MEA for proof of him being alive or dead. We demand that reports of the DNA test be given to us: Malkit Ram, Brother of a Saganandlal who was among the 39 Indians killed in Mosul #Jalandhar pic.twitter.com/a4YMdZZu99
— ANI (@ANI) March 21, 2018
बता दे कि कल ही विदेश मंत्री ने संसद में बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की थी की इराक के मोसुल से गायब हुए सभी भारतीयों की मौत हो चुकी है। विदेश मंत्री ने इस बात की जानकारी मृतकों के DNA सैंपल के आधार पर कही थी। जसके बाद से ही मृतको के घरवालों ने विदेश मंत्री और केंद्र की मोदी सरकार पर उन लोगों के साथ सालों तक धोखा देने का आरोप लगाया था।
इराक के मोसुल में मारे गए 39 लोगों के परिवार वालो ने सरकार से उनके घरवालों की डीएनए रिपोर्ट को सांझा करने की मांग की है। गौरतलब है कि कल ही यानि मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में ऐलान किया था कि पूरे सबूत मिलने के बाद मैं कह सकती हूं कि सभी 39 लोगों की मौत हो चुकी है।
आपको बता दे कि देश के विभिन्न हिस्सों से 39 लोग इराक में गायब हो गए थे। ये सभी लोग इराक के निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले भारतीय श्रमिक थे। जिनका 2014 में इराक के मोसुल शहर से इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने अपहरण कर लिया था। उसके बाद से इन लोगो के बारे में कोई खबर नहीं मिली थी। इतने सालों बाद अब इन सभी के शब बादुश की एक पहाड़ी से मिले है।
मारे गए लोगो के परिवार वालो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पिछले चार सालों से विदेश मंत्री हमसे कह रही थी कि वह जिंदा है। और अब सरकार कहती है कि उनकी मौत हो गई है। इस बारे में हमें सरकार कि तरफ से कोई अधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। हमने तो कल ही विदेश मंत्री का संसद में उनका बयान सुना है।
मृतको के परिजनो ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर आरोप लगाते हुए कहा कि मरने वाले हमारे परिवार के सदस्य थे। लेकिन मंत्री जी ने एक बार भी हमसे बात करना जरूरी नहीं समझा वो केवल मीडिया से ही बात करने में व्यस्त है। परिजनो का आरोप है कि वो तो कहती थी कि गायब हुए सभी लोग उनके बच्चे जैसे है।
अब उनकी संवेदना कहां गई। मृतकों के परिजनो का आरोप है कि जब सुषमा जी को उन लोगो की मौत खबर मिल गई थी तो उन्हें चाहिए था कि खबर मिलते ही हम लोगों से संपर्क करना चाहिए था।
वहीं एक ओर मृतक के पत्नी ने बताया कि उनके पति सात साल पहले इराक गए थे। ओर उनसे हमारी 2015 तक बात होती रही है। सरकार के लोग दो-तीन महीने पहले ही हमारा डीएनए सैंपल लेकर गए थे।
बता दे कि कल विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज ने कहा था कि डीएनए जांच में यह बात साबित हो गई है कि बादुश में जो शव मिले है वो भारतीयों के ही है। सुषमा स्वराज ने अपने बयान में कहा था कि एक व्यक्ति का केवल 70 फीसदी मिलान हो पाया है क्योंकि उसके मां-बाप की मौत हो चुकी है और डीएनए उसके एक रिश्तेदार का लेना पड़ा है।
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