पीएम मोदी अगले हफ्ते जाएंगे चीन, राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ करेंगे शिखर बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच अगले सप्ताह चीन में मुलाकात होगी। पेइचिंग में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ जॉइंट कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बताया कि राष्ट्रपति चिनफिंग और पीएम मोदी के बीच वुहान में 27-28 अप्रैल को अनौपचारिक शिखर बैठक होगी।
इस अवसर पर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा दोनों देशों के बीच आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, स्थिर विकास और वैश्विक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर मिलकर काम करने की सहमति बनी है। इससे पहले मोदी और जिनपिंग पिछले साल सितंबर में ब्रिक्स समिट के दौरान मिले थे। पिछले साल डोकलाम में दोनों देशों के बीच लंबे वक्त तक चले सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
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प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यह चौथा चीन दौरा होगा। इसके अलावा वह जून में भी चीन दौरे पर जाने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी चीन के किंगदाओ शहर में 9-10 जून को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के शिखर बैठक में भी हिस्सा लेने वाले हैं। उस दौरान भी उनकी चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात हो सकती है।
एससीओ सदस्य बनने पर वांग ने दी भारत को बधाई
जॉइंट कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का सदस्य बनने पर भारत को एक बार फिर बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि चीन एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में पहली बार हिस्सा ले रहीं भारतीय विदेश मंत्री का गर्मजोशी से स्वागत करता है।
चीन देगा सतलज और ब्रह्पुत्र नदियों का डेटा
जॉइंट कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि चीन ने सतलज और ब्रह्मपुत्र नदियों के डेटा को 2018 में भारत के साथ शेयर करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि भारत इसका स्वागत करता है।
सुषमा ने यह भी बताया कि नाथुला दर्रा से होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल से बहाल होगी। उन्होंने कहा कि भारत औऱ चीन आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, ससटेनेबल डिवेलपमेंट, ग्लोबल हेल्थकेयर आदि के क्षेत्र में मिलकर काम करने को लेकर सहमत हुए हैं।
संवाद की गति तेज करने पर हुई चर्चा
इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर और रिश्तों में सुधार के लिए उच्च स्तरीय संवाद की गति को तेज करने पर चर्चा की। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सुषमा स्वराज शनिवार को 4 दिन के दौरे पर चीन पहुंची हैं।
द्विपक्षीय मुलाकात से पहले वांग ने पेइचिंग स्थित दिआयुतई स्टेट गेस्ट हाउस में सुषमा की अगवानी की। वांग को पिछले माह स्टेट काउंसिलर बनाया गया है जिसके बाद वह चीन के पदक्रम में शीर्षस्थ राजनयिक बन गए हैं। साथ ही वह विदेश मंत्री के पद पर भी बने हुए हैं।
सुषमा ने वांग को दी बधाई
स्टेट काउंसिलर बनाए जाने के बाद वांग से सुषमा की यह पहली मुलाकात है। मुलाकात के दौरान सुषमा ने वांग को स्टेट काउंसिलर बनाए जाने और भारत चीन सीमा वार्ताओं के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए जाने पर बधाई दी। वांग ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय विकास हुआ है और दोनों देशों के नेताओं की देखरेख में इस साल एक सकारात्मक गति भी देखने को मिली है।
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उन्होंने कहा 'इस साल चीन की नेशनल पीपल्स कांग्रेस के समापन की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक अत्यंत महत्वपूर्ण फोन कॉल मिला। वांग ने कहा कि इस कॉल ने दोनों देशों के बीच वार्ता प्रक्रिया में सकारात्मक गति दी। उन्होंने कहा, हमारे दोनों नेताओं ने विचारों का गहन आदान प्रदान किया और चीन भारत संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे।'
भारत की सदस्यता से एससीओ का प्रभाव हुआ व्यापक
वांग ने कहा, 'एससीओ में भारत की सदस्यता ने संगठन की संभावनाओं और उसके प्रभाव को व्यापक किया है। साथ ही हमें भारत-चीन सहयोग के लिए एक नया मंच भी मुहैया कराया है और मेरा मानना है कि भारत संगठन में सकारात्मक और उत्साहवर्द्धक योगदान देता रहेगा।
इस मुलाकात से पहले आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं की मुलाकात, संबंधों को सुधारने के लिए उच्च स्तरीय संवाद को गति देने के दोनों देशों के प्रयासों का हिस्सा है।
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पिछले साल डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों ने तनाव घटाने और संबंधों को सुधारने के लिए विभिन्न स्तरों पर वार्ता सहित अपने प्रयास तेज किए हैं। सुषमा और वांग की मुलाकात से ठीक पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के शीर्ष अधिकारी यांग जिशी के बीच शंघाई में मुलाकात हुई थी।
भाषा
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