इस्लामाबाद: पाक पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में अब तक छह की मौत, ये है पूरा मामला
तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूवत, तहरीक-ए-लबैक, रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के करीब 2000 कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे और मुर्री रोड की घेराबंदी कर रखी है।

पाकिस्तान सरकार ने पुलिस और कट्टरपंथी धार्मिक गुटों के प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में छह लोगों के मारे जाने और 200 से अधिक के घायल होने के बाद कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए सेना से मदद मांगी है।
पाकिस्तान में राजधानी इस्लामाबाद की ओर जाने वाले राजमार्ग की घेराबंदी कर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिये पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने कल अभियान शुरू किया जिसके बाद झड़पों में 200 से अधिक लोग घायल हो गए।
तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूवत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के करीब 2,000 कार्यकर्ताओं ने दो सप्ताह से अधिक समय से इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे और मुर्री रोड की घेराबंदी कर रखी थी।
मुख्य बिंदू
- यह सड़क इस्लामाबाद को इसके एकमात्र हवाईअड्डे और सेना के गढ़ रावलपिंडी को जोड़ती है।
- पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां दागी।
- झड़पों के हिंसक हो जाने के बाद सुरक्षा बल पीछे हट गए। इस झड़प में 95 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए।
- सभी घायलों को इस्लामाबाद और रावलपिंडी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जबकि एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई।
इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान में मची तबाही, बम विस्फोट में चार की मौत- कई घायल
पाक प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख की मीटिंग
अराधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजधानी में सेना तैनात करने की सरकार की मांग के बीच प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा स्थिति पर विचार विमर्श के लिए बैठक कर सकते हैं। जनरल बाजवा संयुक्त राष्ट्र अमीरात की यात्रा पर थे लेकिन वह अपनी यात्रा बीच में ही समाप्त कर कल देर रात स्वदेश पहुंच गए।
इस्लामाबाद जाने वाले राजमार्ग बंद
सेना ने कहा है कि वह स्थिति संभालने से पहले कुछ बिंदुओं पर स्पष्टिकरण चाहती है। प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग को लेकर दो सप्ताह से अधिक समय से राजधानी इस्लामाबाद जाने वाले मुख्य राजमार्गों को बाधित कर रखा था।
ये है पाक हिंसा का मामला
प्रदर्शनकारी सितंबर में चुनाव कानून 2017 में खत्म-ए-नबूवत के उल्लेख से संबंधित पारित बदलाव को लेकर कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। सरकार ने कानून में संशोधन करके मूल शपथ को बहाल कर दिया लेकिन कट्टरपंथी धर्मगुरुओं ने मंत्री को हटाये जाने तक हटने से इनकार कर दिया था।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App