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धोनी और आडवाणी बने पद्म भूषण, देश फिर भूल गया हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद्र को

69वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस वर्ष के पद्म पुरस्कार सम्मान का आयोजन देश की राजधानी दिल्ली में किया गया। दुनिया भर में हॉकी के जादूगर के नाम से मशहूर मेजर ध्यानचंद्र को फिर भुला दिया गया।

धोनी और आडवाणी बने पद्म भूषण, देश फिर भूल गया हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद्र को
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विभिन्न क्षेत्रों में अपने अभूतपूर्व योगदान के लिये पद्म पुरस्कार दिया जाता है। 69वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस वर्ष के पद्म पुरस्कार सम्मान का आयोजन देश की राजधानी दिल्ली में किया गया।

जहां खेल जगत में अपने विशिष्ट योगदान के लिये भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कई बार के विश्व चैंपियन क्यूइस्ट पंकज आडवाणी को देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

यहां यह बात गौर करने वाली है कि दुनिया भर में हॉकी के जादूगर के नाम से मशहूर मेजर ध्यानचंद्र को फिर भुला दिया गया। मेजर ध्यानचंद्र जिन्होंने ने सिर्फ भारत को ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलवाया बल्कि हॉकी को एक नई ऊंचाई तक ले गए।
मेजर ध्यानचंद्र के जन्मदिन यानि 29 अगस्त को ऱाष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा रियो ओलंपिक में रजत जीतने वाली पीवी सिंधू और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को आवेदन देने के बावजूद भी पद्म भूषण के लिए लायक नहीं समझा गया।
पद्म श्री पाने वालों में सबसे हैरानजनक नाम मीराबाई चानू का है। जो बीते वर्ष ही 22 साल बाद वेटलिफ्टिंग में वर्ल्ड चैंपियन बनी हैं। आपको बता दें कि क्रिकेट जगत में भगवान का दर्जा प्राप्त कर चुके सचिन तेंदुलकर को सन 2014 में जब देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। तो उस समय भी मेजर ध्यानचंद्र को भुला दिया गया था।

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