ऑपरेशन अंडरग्राउंड: तानाशाह किम जोंग की धरती में दफन है ये बड़ा राज, इसलिए अमेरिका पड़ा है पीछे
अमेरिक ने नॉर्थ कोरिया से पहले इराक और सीरिया में भी लोकतंत्र की बहाली और रासायनिक हथियारों के नाम पर एक लंबी लड़ाई लड़ी थी।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से मुलाकात कर सकते है। हालांकि इसके लिए अमेरिका ने उत्तर कोरिया से ठोस कार्रवाई की मांग की है।
एक दिन पहले ट्रंप ने कहा था कि वह मई तक किम से बातचीत के लिए तैयार हैं। लेकिन फिलहाल इस मुलाकात के लिए समय और तारीख तय नहीं हुई है।
इस मामले में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से किए गए वादे के तहत ठोस कार्रवाई के बिना यह वार्ता नहीं होगी।
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यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ तथ्य बता रहे है जिनसे पता चलेगा कि अमेरिका आखिर क्यों नॉर्थ कोरिया पर बार-बार हमले की धमकी दे रहा है ..
जमीन के नीचे दफन है ये राज
बताया जाता हैं कि अमेरिका इराक और कोरिया जैसे तमाम देशों में लोकतंत्र की बहाली के लिए जीतोड़ मेहनत करता है। लेकिन क्या अमेरिका द्वारा लड़े गए सभी युद्धों का सिर्फ यही सच है?
खबरों के मुताबिक अमेरिका वास्तव में किसी देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए नहीं बल्कि जमीन के नीचे दबे खजाने के लिए असली लड़ाई लड़ता है।
हालांकि फिलहाल ये सिर्फ एक आरोप भर ही हैं। लेकिन इन आरोपों को सच साबित करने के लिए दुनिया में कई तथ्य भी मजूद है।
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क्यों हुआ था सद्दाम हुसैन का तख्तापलट
अमेरिक ने नॉर्थ कोरिया से पहले इराक और सीरिया में लोकतंत्र और रासायनिक हथियारों के नाम पर एक लंबी लड़ाई लड़ी थी। लेकिन युद्ध खत्म होने के बाद अमेरिका ने कभी भी ये नहीं बताया कि इराक से कितना रासायनिक हथियारों का जखीरा बरामद हुआ।
लेकिन इस लंबी लड़ाई में इराक के तेल के कुओं पर अमेरिका ने कब्जा कर लिया और लम्बे समय तक अमेरिका ने इसका अपने निजी फायदे के लिए उपयोग भी किया।
ये है नॉर्थ कोरिया का राज
जिस तरह इराक के लिए तेल और सीरिया के लिए गैस उन देशों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ठीक उसी तरह खनिज पदार्थ नॉर्थ कोरिया की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है।
सोने का भंडार है नार्थ कोरिया की जमीन में!
एक रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ कोरिया की जमीन के नीचे खनिज और सोने के अथाह भण्डार है। इसके लिए सिर्फ अमेरिका या उसके सहयोगी ही नहीं बल्कि चीन जैसे कई देशों की नजर उत्तर कोरिया की जमीन पर लगी है।
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