Hari bhoomi hindi news chhattisgarh
toggle-bar

पीएम मोदी और आबे ने रखी बुलेट ट्रेन की नींव, 15 अगस्त 2022 को दिखाई जाएगी हरी झंडी

बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट से भारत में 20 हजार लोगों को मिलेगी नौकरी।

पीएम मोदी और आबे ने रखी बुलेट ट्रेन की नींव, 15 अगस्त 2022 को दिखाई जाएगी हरी झंडी
X

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश में एक नया इतिहास रचते हुए जापान के पीएम शिंजो आबे के साथ अहमदाबाद से मुंबई की ओर दौड़ने वाली देश के पहली बुलेट ट्रेन की नींव रखी। पीएम मोदी की इस पहल से भारत को जल्द ही पहली बुलेट ट्रेन का तोहफा मिलेगा।

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत का बुलेट ट्रेन का सपना पूरा हो रहा है। वहीं जापानी पीएम शिंजो आबे ने कहा कि जापान पूरी तरह से मेक इन इंडिया का समर्थन करता है।

बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट

अहमदाबाद को मुंबई से जोड़ने वाले इस बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट में जापान कुल लागत का 85 प्रतिशत सॉफ्ट लोन की तरह देगा। इस बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट की अनुमानित लागत 19 बिलियन डॉलर (करीब एक हजार अरब रुपये) है।

बुलेट ट्रेन दोनों शहरों के बीच की दूरी 8 घंटे से घटा कर 3.5 घंटे कर देगी। इस प्रॉजेक्ट का दिसंबर 2023 में पूरा होने का अनुमान है। इस ट्रेन में एकसाथ 750 यात्री सफर कर पाएंगे।

आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर मिलेगा तोहफा

केंद्र सरकार ने अहमदाबाद-मुंबई के बीच बन रही इस रेलवे लाइन के शुरू होने की डेडलाइन भी तय कर दी है। रेल मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि 15 अगस्त 2022 को देश की पहली बुलेट ट्रेन को हरी झंडी दिखाई जाएगी। 2022 में देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा। इस प्रोजेक्ट से जुड़ी छह अहम बातें, जिनका आम जनता से सीधा पाला पड़ेगा।

फ्लाइट से सस्ता होगा किराया

रेलवे अधिकारियों की माने तो बुलेट ट्रेन का किराया एक फ्लाइट के किराये से काफी सस्ता होगा। इसका किराया राजधानी एक्सप्रेस के एसी टू टियर कोच के बराबर होगा।

शुरू में बैठ सकेंगे पूरी ट्रेन में 750 यात्री

जब पहली बुलेट ट्रेन शुरू होगी तो उसमें एक साथ 750 यात्री बैठ कर यात्रा कर सकेंगे। जापान की शिनकानसेन ई5 सीरिज बुलेट ट्रेन को इस प्रोजेक्ट के लिए तय किया गया है। इस ट्रेन में एग्जिक्यूटिव और इकोनॉमी कोच मिलाकर के 10 कोच हैं। लेकिन रेलवे इसको भविष्य में 16 कोच का करेगा, जिससे 1250 यात्री इस ट्रेन से सफर कर सकेंगे। शुरुआत में 35 बुलेट ट्रेन चलाई जाएंगी। 2053 तक 105 ट्रेन चलाने की योनजा है।

ट्रेन में होगीं ये खूबियां

ट्रेन में दिव्यांगों, बीमारी से ग्रसित लोगों और महिलाओं व बच्चों के लिए खास ध्यान रखा गया है। इस ट्रेन में जहां दिव्यांगों के लिए पूरी ट्रेन में दो टॉयलेट होंगे, वहीं बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए अलग से जगह बनाई जाएगी। इसी तरह महिलाओं के लिए अलग कक्ष होगा जहां पर अपने बच्चों को दूध पिला सकें। ट्रेन में दीवार पर माउंट किए गए टॉयलेट होंगे। ट्रेन के अंदर बच्चों के लिए भी अलग से टॉयलेट होगा।

110 हजार करोड़ की लागत

इस प्रोजेक्ट पर 110 हजार करोड़ की लागत आएगी, जिसमें से 88 हजार करोड़ रुपए जापान सरकार की तरफ से लोन मिलेगा। इस लोन पर 0.1 फीसदी इंटरेस्ट लगेगा, जिसको 50 साल में वापस चुकाना होगा। रिपेमेंट भी पूरा पैसा मिलने के 15 साल बाद शुरू होगा। इस हिसाब से देखा जाए तो प्रत्येक महीने केवल 7-8 करोड़ रुपए का खर्च केवल इंटरेस्ट चुकाने पर आएगा, जिससे रेलवे पर किसी तरह का कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।

20 हजार लोगों को मिलेगी नौकरी

इस प्रोजेक्ट के निर्माण चरण में ही कुल 20 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी। जिन लोगों को नौकरी पर रखा जाएगा, उन्हें विशेष प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे उनको प्रोजेक्ट को तैयार करने में काफी मदद मिलेगी। पूरे प्रोजेक्ट के लिए हाईस्पीड रेल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना वडोदरा में खोला जाएगा।

मुंबई में अंडरग्राउंड बाकी एलिवेटिड होगा ट्रैक

पूरे 508 किमी के रूट में केवल मुंबई शहर और समुद्र में 7 किलोमीटर के हिस्से को छोड़कर पूरा ट्रैक एलिवेटिड होगा। यह ट्रैक गुजरात के साबरमती से शुरू होकर मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स पर खत्म होगा।

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

और पढ़ें
Next Story