चाईबासा कोषागार घोटाला: लालू के दोषी करार होने पर राजनीति बयानबाजी शुरू, जानें क्या है पूरा मामला
लालू यादव समेत जगन्नाथ मिश्रा को भी दोषी ठहराया गया है। चाईबासा गबन के इस मामले में कोर्ट ने 56 आरोपियों में से 50 को दोषी ठहराया है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 24 Jan 2018 2:02 PM GMT
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लाल प्रसाद यादव को रांची कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। लालू यादव समेत जगन्नाथ मिश्रा को भी दोषी ठहराया गया है। चाईबासा गबन के इस मामले में कोर्ट ने 56 आरोपियों में से 50 को दोषी ठहराया है।
बता दें कि यह मामला (आरसी 68 ए /96) चाईबासा कोषागार से 33 करोड़ 67 लाख 534 रुपए की अवैध निकासी से संबंधित है। चारा घोटाले का यह तीसरा मामला है।
उधर, फैसला आने से पहले राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने सीबीआई पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा की सीबीआई अपने राजनीतिक आका के लिए नेताओं को फसाती है।
Its nothing surprising, it was expected. The statements coming from RJD are unfortunate, do they mean to say the judge is conspiring with BJP and Nitish ji?: Sushil Modi,Bihar Deputy CM on Lalu Yadav convicted in third fodder scam case pic.twitter.com/NrTlXvpybB
— ANI (@ANI) January 24, 2018
फैसले के बाद लालू प्रसाद यादव के बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि वे फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
वहीं दूसरी तरफ बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार ने भी आरजेडी की तरफ से प्रतिक्रिया आने के बाद कहा कि ये कोई चौंकाने वाली बात नहीं है। ये होना ही था। उन्होंने आगे कहा कि आरजेडी की तरफ से आया बयान काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। क्या आपका कहना चाहते हैं कि बीजेपी और नीतीश जी साजिश कर रहे हैं।
ये है चाईबासा कोषागार का मामला
चाईबासा कोषागार से 1992 - 93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इसमें साल 1996 में केस दर्ज हुआ था। इस मामले में कुल 76 आरोपी थे, जिनमें लालू प्रसाद और डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के नाम भी शामिल हैं।
हालांकि सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों का निधन हो चुका है। दो आरोपियों सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने अपना जुर्म कबूल लिया, जबकि तीन आरोपियों दीपेश चांडक, आरके दास और शैलेश प्रसाद सिंह को सरकारी गवाह बना दिया गया है।
इससे पहले शनिवार 23 दिसंबर 2017 को अदालत ने लालू यादव को इस मामले में दोषी करार दिया था। जबकि इसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को बरी कर दिया गया था। दोषी ठहराए जाने के बाद से ही लालू यादव रांची जेल में रह रहे थे।
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लालू पर 6 मामले लंबित
चारा घोटाला में लालू यादव पर छह अलग-अलग मामले लंबित हैं और इनमें से एक में उन्हें 5 साल की सजा हो चुकी है। इस घोटाले से जुड़े 15 आरोपियों की मौत हो चुकी है जबकि 2 सरकारी गवाह बन चुके हैं और एक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और एक आरोपी को कोर्ट से बरी किया जा चुका है।
बता दें कि जनवरी 1996 में यह मामला सामने आया था। जब लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। उपायुक्त अमित खरे ने पशुपालन विभाग के दफ्तरों पर छापा मारा और ऐसे दस्तावेज जब्त किए जिनसे पता चला कि चारा आपूर्ति के नाम पर अस्तित्वहीन कंपनियों द्वारा धन की हेराफेरी की गई। उसके बाद यह चारा घोटाला सामने आया।
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