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जीशा रेप मर्डर केस: अमीरुल इस्लाम दोषी करार, ये है पूरा मामला
लॉ स्टूडेंट जीशा की रेप के बाद बर्बरतापूर्वक हत्या किए जाने के मामले में आरोपी अमीरुल इस्लाम को दोषी करार दिया गया है।

केरल के एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशन कोर्ट ने जीशा रेप और मर्डर केस मामले में आरोपी असम अमीरुल इस्लाम को दोषी करार दिया है। पिछले साल केरल में 30 साल की लॉ स्टूडेंट्स के साथ रेप और मर्डर हुआ था।
इस मामले में अमीरुल इस्लाम एक मात्र दोषी है। जिसके खिलाफ सारे सबूत हैं, जो सीधा इशारा करते हैं कि उसने ही इस पूरी घटना को अंजाम दिया था। बता दें कि एर्नाकूलम प्रिंसिपल सेशन के जज एन अनिल कुमार बुधवार को सजा का ऐलान करेंगे।
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मोहम्मद अमीरुल इस्लाम आईपीसी की कई धाराओं के तहत दोषी पाया गया था। इसमें धारा 302 मर्डर, 376, 376 ए रेप, धारा 201 साक्ष्य छुपाने का आरोप, एसएसटी एक्ट के तहत सजा का प्रवधान शामिल है।
बीते साल अप्रैल 2016 में दलित छात्रा जीशा अपने मां के घर पर मृत पाई गई थी। उसकी बॉडी पर कई निशान थे। विरोध करने पर अमीरुल ने जीशा की बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी थी।
इस मर्डर के बारे में किसी भी पड़ोसी ने कोई गवाही और ना ही किसी तरह की आवाज सुनी थी। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, अमीरुल लड़की के घर में रेप के मकसद के घुसा था। लेकिन उसने उसे किसी तेज धार वाली चीज से हत्या कर दी। उसकी बॉडी मिली के 50 दिनों बाद आरोपी गिरफ्तार किया गया था।
इसके बाद अमीरुल पर रेप और दलित महिला के मर्डर का आरोप लगाया गया। पुलिस के मुताबिक, कई लोगों ने अमीरुल को जीशा के घर के पास देखा गया था। पुलिस ने इसके बाद आरोपी के डीएनए को पीड़िता के नखून और शरीर के कई भागों से मिला था।
आरोपी का डीएनए पीड़िता के शरीर पर लगे मिले थे। इस साल 4 अप्रैल से अब तक 85 दिनों में इस केस की सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष ने 100 गवाहों की जांच की, इसमें 15 प्रवासी श्रमिक और 290 डॉक्यूमेंट और 36 सबूत पेश किेए गए।
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पुलिस जांच रिपोर्ट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 5 हजार लोगों के फिंगर प्रिंस की एसआईटी द्वारा जांच की गई। 20 लाख टेलीफोन बातचीत को सुना गया, उसके बाद पुलिस इस्लाम तक पहुंच सकी थी।
पुलिस पहले ही कह चुकी है कि ब्लड का एक सेंपल घर के पास ऊंठ के पैर से मिला जोकि एक बड़ा सबूत था।