रोहिंग्या मुसलमानों पर मेहरबान हुआ जापान, 30 लाख डॉलर की मदद का वादा
जापान के विदेश मंत्री ने शुक्रवार को म्यांमार की नेता आंग सान सू की से रोहिंग्या मुसलमानों की सुरक्षित और स्वैच्छिक वापसी की गारंटी देने का आग्रह किया है।

जापान के विदेश मंत्री ने म्यांमार की नेता आंग सान सू की से रोहिंग्या मुसलमानों की सुरक्षित और स्वैच्छिक वापसी की गारंटी देने का आग्रह किया है। उल्लेखनीय है कि हिंसा के कारण म्यांमार के रखाइन प्रांत से बहुत से रोहिंग्या मुसलमान पलायन कर गए हैं।
जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो इन दिनों म्यांमार की यात्रा पर है। जापान सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों को पुन: अपने देश में लाए जाने में मदद के लिए म्यांमार सरकार को 30 लाख डॉलर अनुदान देने की घोषणा की है।
म्यांमार और बांग्लादेश ने 23 नवंबर को रोहिंग्या शरणार्थियों के प्रत्यावर्तन को लेकर करार किया था। म्यांमा ने 23 जनवरी से इसकी प्रक्रिया शुरू करने की बात कही थी। हालांकि कितनी संख्या में प्रत्यावर्तन किया जाएगा यह स्पष्ट नहीं है।
विदेश मंत्रालय के अधिकारी शिनोबू यामागुची ने कहा कि हमने म्यांमार और बांग्लादेश के बीच करार को देखते हुए मदद का फैसला किया है।
एक बैठक के दौरान कोनो ने सू की सरकार से मीडिया और मानवतावादी संगठनों को प्रभावित क्षेत्रों में जाने की इजाजत, वापसी करने वाले शरणार्थियों का पुर्नवास और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान की सिफारिशों को लागू करने की अनुमति देने को कहा है।
कोनो ने यह भी कहा कि जापान की आगे भी सहायता देने की योजना है। सू की ने संयुक्त समाचार सम्मेलन में कहा कि हम दीर्घकालीन अवधि और अल्पकालिक अवधि दोनों के लिए जापान के सहयोग के लिए आभारी हैं।
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