उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रगान के दौरान नहीं किया सैल्यूट, सोशल मीडिया में बवाल
कोई भी गणमान्य व्यक्ति सलामी दे सकता है, भले ही उसके सिर ढका न हो.." तो ये है सलामी का नियम।

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नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान गार्ड आफ ऑनर के दौरान यानि जब शुरूआती राष्ट्रगान के दौरान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने सैल्यूट क्यों नहीं किया। आरएसएस ने यह फोटो ट्वीट किया है और उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रध्वज को सलाम क्यों नहीं किया। इस बात को यहां साफ करना बहुत जरूरी है कि सच्चाई क्या है और सलामी के नियम क्या कहते हैं। क्येंकि जिन्हें सलामी के नियम नहीं मालूम है वो सोशल मीडिया में उपराष्ट्रपति की बेईज्जती करने से नहीं हिचकेगें।
सैल्यूट के नियम के अनुसार "झंडा फहराने, झंडा झुकाने या परेड के दौरान सलामी लेने के दौरान, वहां मौजूद सभी लोग झंडे की तरफ मुंह किए रहेंगे और सावधान की मुद्रा में खड़े होंगे तथा राष्ट्रपति (तीनों सेना के प्रमुख) और वर्दी में मौजूद लोग सलामी देंगे। जब परेड के दौरान आपके सामने से झंडा गुजर रहा हो तो वहां मौजूद सभी लोग सावधान की मुद्रा में खड़े रह सकते हैं या सलामी भी दे सकते हैं। यानि ये अनिवार्य नहीं है। कोई भी गणमान्य व्यक्ति सलामी दे सकता है, भले ही उसके सिर ढका न हो.." तो ये है सलामी का नियम।
मगर, सोशल मीडिया पर एक फोटो को लेकर किसी की भी धज्जियां उड़ा सकते हैं, लेकिन एक बात नहीं भूलनी चाहिए कि उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी कोई नए नहीं है। उपराष्ट्रपति के तौर पर यह उनका दूसरा कार्यकाल है और वो इन नियमों को अच्छी तरह जानते हैं। इसके पहले भी वो डिप्लोमेट रहे हैं, कई देशों में राजदूत रह चुके हैं और यह उनका गणतंत्र दिवस की परेड में उपराष्ट्रपति के तौर पर 8वां साल है। यानि किसी पर भी इल्जाम लगाने के पहले यह तय कर लेना चाहिए कि नियम क्या कहता है।
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