समलैंगिता अपराध तो सेरोगेसी और टेस्ट ट्यूब क्या प्रकृति के आदेश

क्या है मामला:
गत 11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिता पर अपने फैसले में कहा था कि दो वयस्कों के बीच सहमति से बनाया गया यौन संबंध 19 वीं सदी में बनाये गये कानून भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के तहत एक फौजदारी अपराध ही रहेगा। यह कानून प्रकृति के आदेश के खिलाफ सेक्स पर प्रतिबंध लगाता है।
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